भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों के लॉकर में सामान रखने को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं. लॉकर इस्तेमाल करने वाले लोगों को अब नए सिरे से लॉकर इस्तेमाल को लेकर बैंक के साथ एग्रीमेंट करना होगा. नए निर्देशों में कहा गया है कि लॉकर का इस्तेमाल ज्वेलरी और दस्तावेज जैसी वैध्य वस्तुओं को रखने के लिए ही किया जाएगा. कैश, हथियार, ड्रग्स या केमिकल जैसी वस्तुओं को लॉकर में नहीं रखा जा सकता.
कितना सुरक्षित आपका लॉकर?
लॉकर से सामान गायब या क्षतिग्रस्त होने के मामले में बैंक अब अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकते. इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरबीआई ने नए नियम जारी किए थे. इन नियमों के मुताबिक आगजनी, चोरी, भवन ढहने या कर्मचारियों की धोखाधड़ी के मामले में बैंकों को लॉकर के वार्षिक किराए के 100 गुना तक के नुकसान की भरपाई करनी होगी. आरबीआई ने लॉकर मैनेजमेंट को लेकर सभी बैंकों के लिए निर्देश जारी किए हैं. नए निर्देश मौजूदा लॉकर और बैंकों के पास वस्तुओं की सेफ कस्टडी दोनों पर लागू हैं. इसके बावजूद लॉकर से सामान चोरी की घटनाओं की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होते. न्याय प्रक्रिया महंगी होने के कारण हर कोई व्यक्ति उपभोक्ता फोरम से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई लड़ने की क्षमता नहीं रखता.
क्या कहते हैं बैंकर?
आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि सभी बैंकों को अपने लॉकरों की पुख्ता सुरक्षा करनी चाहिए. इसके बावजूद लॉकर में से सामान गायब हो जाता है. पूर्व बैंक अधिकारी एसके बंसल कहते हैं कि बैंक लॉकर का स्ट्रांग रूम आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार बनाया जाता है. इसमें रखे लॉकर पूरी तरह सुरक्षित होते हैं. अगर किसी हाईवे पर दुर्घटना हो जाए तो इसका मतलब यह कतई नहीं है कि उस पर गाड़ियां चलानी बंद कर दी जाएं. लॉकर से चोरी की कुछ घटनाओं के बाद यह नहीं मान लेना चाहिए कि बैंक लॉकर सुरक्षित नहीं हैं. सुरेश बंसल कहते हैं कि आरबीआई के नए दिशानिर्देशों से बैंक सचेत होंगे. स्ट्रांग रूम की सुरक्षा को और मजबूत करेंगे.