अब घर में खाना बनाते समय बचने वाला तेल आपके बहुत काम आने वाला है. इस तेल से आप अपनी कार चला सकते हैं. वहीं इससे आपको कमाई करने का मौका भी मिलेगा. दरअसल होटलों और घरों में बचे खाने वाले तेल से बायोडीजल (Biofuel) बनाया जा रहा है. इसे इस्तेमाल में लाने के लिए सरकार ने नई योजना बनाई है जिसमें बचे तेलों से बायोडीजल (Biofuel) बनाया जा रहा है. बायोडीजल गाड़ियों को स्वच्छ और सुविधाजनक ईंधन का स्रोत मुहैया कराते हैं. ये पर्यावरण के लिए भी अच्छा है.
आसानी से जलता है बायोडीजल बायोडीजल (Biofuel) को सोयाबीन ऑयल, चर्बी और अन्य तरह के रिसाइकिल कुकिंग ऑयल से बनाया जाता है. कुकिंग ऑयल ईंधन को अच्छा रिन्यूएबल सोर्स माना जाता है जो आसानी से जलता है, कचरा कम पैदा करता है और इसे बनाना बहुत आसान है. कुकिंग ऑयल से बायोडीजल बनाने के लिए साधारण केमिकल रिएक्शन की जरूरत होती है.
कुकिंग ऑयल को लेना आसान बेकार कुकिंग ऑयल को प्राप्त करना आसान है क्योंकि यह लोकल रेस्टोरेंट, होटल, फूड प्रोसेसर कंपनियां, घर के किचन और फूड बिजनेस करने वाली कंपनियों से आसानी से प्राप्त किया जा सकता है. सोया, खाद्य तेल, कनोला और जानवरों की चर्बी से बायोडीजल बनाना आसान है. बेकार तेलों को पहले साफ किया जाता है क्योंकि इसमें कचरा और पानी मिला रहता है. इसे साफ करना जरूरी होता है क्योंकि इससे केमिकल रिएक्शन आसान हो जाता है.
ऐसे बनेगा बायोफ्यूल बेकार कुकिंग ऑयल में बड़ी मात्रा में फ्री फैटी एसिड होते हैं. तेलों को बार-बार गरम करने से फैटी एसिड टूटते हैं और उसके पार्टिकल तेल की सतह पर तैरने लगते हैं. इन पार्टिकल्स को आसानी से बायोडीजल में बदला जा सकता है. कुकिंग ऑयल को बायोडीजल में बदलने के लिए एक खास तरीका अपनाया जाता है जिसे ट्रांसेस्टेरिफिकेशन (transesterification) कहते हैं.
ट्रांसेस्टेरिफिकेशन के जरिये बेकार तेल को डीजल फ्यूल में बदला जाता है. कुकिंग ऑयल से बायोडीजल बनाने के दौरान ग्लिसरीन निकलता है जिसका इस्तेमाल साफ-सफाई, कॉस्मेटिक्स और फार्मास्युटिकल्स में किया जा सकता है. बायोडीजल के कई फायदे हैं, जैसे कि यह ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम करता है, इससे स्मॉग भी नहीं निकलता, किसी तरह का वायु प्रदूषण नहीं होता और न ही कोई कचरा बनता है.
सरकार ने बनाया वेबपोर्टल कुकिंग ऑयल से बायोडीजल बनाने के लिए सरकार ने बड़ी तैयारी की है. इसके लिए एक वेब पोर्टल बनाया गया है जहां बेकार तेल को बेचने और खरीदने की पूरी जानकारी दी जा रही है. इस काम को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) और बायोडीजल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (BDAI) ने शुरू किया है. दो तरह के फायदों को देखते हुए यह काम शुरू किया गया है. एक तो इससे तेलों के आयात का खर्च बचेगा और पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता घटेगी. दूसरा, होटल-रेस्टोरेंट में बड़ी मात्रा में बचे कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल होगा जो बेकार हो जाता है.
कुकिंग ऑयल बनाने वाली कंपनियों को भी होगा मुनाफा इस योजना को गति देने के लिए सरकार ने बेकार तेलों की अच्छी कीमत भी तय की है. बायोडीजल बनाने वाली कंपनियों को बेकार कुकिंग ऑयल बेचे जाएं तो प्रति लीटर बेहद फायदा होगा. इसके साथ ही कुकिंग ऑयल बनाने वाली कंपनियों को भी खूब मुनाफा होगा. सरकार ने अगस्त 2019 से सितंबर 2020 तक बायोडीजल की कीमत प्रति लीटर 51 रुपये निर्धारित की थी. अक्टूबर 2020 से सितंबर 2021 तक बायोडीजल की कीमत 52.7 रुपये प्रति लीटर तय है. तीसरे साल में इसकी कीमत 54.5 रुपये लीटर होगी.
हर साल निकलता है लाखों टन बेकार कुकिंग ऑयल देश में हर साल 11.45 लाख टन बेकार कुकिंग ऑयल निकलता है जिससे बायोडीजल बनाया जा सकता है. देश में अभी 11 बायोडीजल प्लांट हैं जो चालू हैं और भविष्य में और भी कई प्लांट खुलेंगे. प्लांट में बनाया जाने वाला बायोडीजल अन्य ईंधनों में मिलाया जाएगा जिससे पेट्रोल और डीजल की खपत कम होगी और सरकारी बोझ घटेगा.
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