Unemployment Data: भारत में अप्रैल महीना कोरोना संकट की दूसरी लहर की दस्तक के साथ शुरू हुआ और देखते ही देखते एक दिन में सामने आने वाले संक्रमितों की संख्या सितंबर 2020 के दैनिक आंकड़ों को भी पार कर चुका है. देश में 24 घंटों में अब तक के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं. कई राज्यों में लगे वीकेंड लॉकडाउन से प्रवासी कामगारों ने फिर से गांवों का रुख किया है और साथ ही सैलरीड क्लास पर भी नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा है. सेंटर फॉर मॉनेटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के डाटा के मुताबिक 11 अप्रैल वाले हफ्ते में बेरोजगारी बढ़कर 8.58 फीसदी हो गई है. वहीं ठीक दो हफ्ते पहले मार्च के अंत में ये 6.65 फीसदी था.
सीधा मतलब ये कि पिछले 2 हफ्तों में बेरोजगारी में लगभग 2 फीसदी की बढ़त हुई है. 11 अप्रैल को खत्म हुए हफ्ते के दौरान शहरों में बेरोगजारी दर 9.81 फीसदी पहुंच गई है तो वहीं ग्रामीण इलाकों में इस दौरान 8 फीसदी लोग बेरोजगार रहे.
आपको बता दें कि पिछले साल जब लॉकडाउन लगा था तब बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) 20 फीसदी के पार थी. 3 मई 2020 को खत्म हुए हफ्ते में बेरोजगारी दर 27 फीसदी के पार निकल गई थी. ये उस साल बेरोजरागी का सबसे उच्चतम स्तर था. पिछले साल 24 मार्च से लगे देशव्यापी लॉकडाउन ने लोगों की आजीविका पर बड़ा संकट खड़ा किया और लाखों लोगों की नौकरियां भी गईं.
CMIE के ही रिवर्स माइग्रेशन (Reverse Migration) के एक डाटा की माने तो लोग रोजगार के लिए कृषि का रुख कर रहे हैं. मार्च 2021 तक के इस डाटा के अनुसार कृषि क्षेत्र में 12 करोड़ लोग काम कर रहे हैं जबकि फॉर्मल सेक्टर यानी सैलरी देने वाले सेगमेंट में 7.62 करोड़ है. जनवरी 2021 से तुलना करें तो कृषि की ओर बढ़े लोगों की तादाद बढ़ी है. जनवरी 2021 में 11.18 करोड़ लोग कृषि क्षेत्र से जुड़े थे और सैलरीड क्लास में 8.22 करोड़ लोग शामिल थे. वहीं नवंबर 2020 के बाद से सैलरीड क्लास में बढ़त आई थी लेकिन अब फिर से कृषि क्षेत्र में लौटे लोगों की संख्या बढ़ गई है.
भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों से रिकवरी रेट 90 फीसदी के नीचे फिसल चुका है और एक्टिव मामले 8.88 फीसदी हो गए हैं. 904 लोगों की मृत्यु क के साथ ही कोरोना से अब तक 1.70 लाख से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
रेटिंग एजेंसी नोमुरा ने बढ़ती महंगाई और कोरोना मामलों के मद्देनजर भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ का अनुमान घटाया है. साल 2021 के लिए GDP ग्रोथ 12.4 फीसदी से घटाकर 11.5 फीसदी कर दिया है.
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