भारत सरकार ने मौजूदा स्लैब संरचना सहित वस्तु एवं सेवा कर (GST) के तहत दरों को युक्तिसंगत बनाने पर विचार करने के लिए मंत्रियों के दो समूह (जीओएम) का गठन किया है. एक नोटिफिकेशन जारी कर GST काउंसिल सचिवालय ने सोमवार को दो जीओएम की स्थापना के बारे में बताया. इनमें से एक टीम टैक्स स्ट्रक्चर पर नजर रखेगी और दूसरी टीम रेवेन्यू के लिए आवश्यक सिस्टम सुधारों पर नजर रखने का काम करेगी. GST काउंसिल ने इस महीने की शुरुआत में ही अपनी बैठक में दो जीओएम बनाने का फैसला किया था.
वर्तमान GST में सात दरें हैं- छूट 0.25 फीसद, 3 फीसद, 5 फीसद, 12 फीसद, 18 फीसद और 28 फीसद. 15वें वित्त आयोग ने भी अपनी एक रिपोर्ट में GST स्ट्रक्चर में बदलाव की बात कही थी. सात सदस्यों का एक पैनल, दर संरचना पर नजर बनाए हुए हैं, जिसकी अध्यक्षता कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई करेंगे और इसमें पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा, केरल के फाइनेंस मिनिस्टर केएन बालगोपाल, बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, उत्तर प्रदेश के फाइनेंस मिनिस्टर सुरेश खन्ना, शामिल होंगे. मंत्रियों के दोनों समूह को मध्यम और दीर्घकालीन सिफारिशों की अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए दो महीने का समय दिया गया है. पैनल किसी भी तात्कालिक उपायों के लिए अपनी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है.
GST प्रणाली सुधारों पर जीओएम फ्रॉड के संभावित स्रोतों की पहचान करेगा और रेवेन्यू लीकेज को रोकने के लिए व्यावसायिक प्रक्रियाओं और आईटी प्रणालियों में बदलाव का सुझाव देगा. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता वाले आठ सदस्यीय पैनल में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, तमिलनाडु के वित्त मंत्री पलानीवेल थियागराजन और छत्तीसगढ़ के वाणिज्यिक कर मंत्री टीएस सिंह देव शामिल होंगे.
मंत्रियों का यह पैनल टैक्स ऑफिसर्स के पास उपलब्ध आईटी टूल्स और इंटरफेस की समीक्षा करेगा और उन्हें अधिक प्रभावी बनाने के लिए सुझाव देगा. पैनल बेहतर टैक्स अनुपालन के लिए डेटा एनालिसिस के संभावित उपयोग की पहचान करेगा और केंद्रीय और राज्य टैक्स अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय के तरीके सुझाएगा. पैनल समय-समय पर काउंसिल को अपनी सिफारिशें देगा और अनुशंसित परिवर्तनों के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगा.
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