प्रीपेड मोबाइल यूजर्स को भी अब मोबाइल के पोस्ट-पेड यूजर्स की तरह सुविधा मिलेगी. इसका मतलब यह है कि प्रीपेड सब्सक्राइबर्स को भी पोस्ट-पेड जैसी बिलिंग साइकिल सुविधा मिलेगी, जहां बिल हर महीने जनरेट होता है. टेलीकॉम नियामक ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों से कहा है कि वे प्रीपेड मोबाइल यूजर्स के लिए 30 दिन की वैलेडिटी वाला रिचार्ज प्लान लेकर आएं. अभी बाजार में 28, 56 और 84 दिनों की वैलेडिटी वाले ही प्रीपेड प्लान उपलब्ध हैं.
दरअसल, कई ग्राहकों ने ये शिकायत की थी कि कंपनियां 28 दिन की वैलेडिटी पैक को मंथली पैक कहकर बेच रही हैं. कस्टमर्स का कहना है कि 28 दिन वैलेडिटी पैक के साथ, उन्हें एक साल में 13 बार मोबाइल रिचार्ज करवाना पड़ता है. ट्राई के आदेश के बाद यदि कंपनियां 30 दिन वैलेडिटी वाले प्लान लॉन्च करती हैं, तब कस्टमर्स को एक साल में केवल 12 रिचार्ज ही करवाने पड़ेंगे.
ट्राई का कहना है कि जब पोस्ट-पेड टैरिफ में बिलिंग साइकिल मासिक आधार पर काम करता है, तब प्री-पेड रिचार्ज में क्यों नहीं. ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों को आदेश का पालन करने के लिए 60 दिन का समय दिया है. जिसमें कंपनियों को 30 दिन की वैलेडिटी वाला कम से कम एक रिचार्ज वाउचर, एक विशेष टैरिफ वाउचर और एक कॉम्बो वाउचर पेश करना होगा.
हालांकि टेलीकॉम कंपनियों ने इसका विरोध किया है. उनका कहना है कि मंथली वैलेडिटी प्री-पेड पैक देना उनके लिए व्यवहारिक नहीं है. कंपनियों का एक तर्क यह भी है कि 30 दिन टैरिफ को यदि अनिवार्य बनाया गया, तब कस्टमर्स को 31 दिन वाले महीने में एक से ज्यादा बार रिचार्ज करवाना होगा.
ट्राई ने इसके लिए इंटरनेशनल मार्केट का उदाहरण दिया है. वोडाफोन यूके 30 दिन की वैलेडिटी वाले प्लान ऑफर कर रही है. एक अन्य ब्रिटेन की कंपनी O2 भी महीने भर की अवधि वाला प्लान देती है. अमेरिका में वेरीजॉन भी प्रीपेड सर्विस के लिए मंथली सिस्टम को फॉलो करती है. जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर महीने एक ही तारीख पर रिचार्ज कराने वाले प्री-पेड टैरिफ उपलब्ध हैं, तब भारतीय मोबाइल यूजर्स को ऐसी सुविधा न दिए जाने का कोई कारण नहीं बनता है.