प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलौना निर्माताओं से नवप्रवर्तन पर ध्यान केन्द्रित करने और विनिर्माण में प्लास्टिक का इस्तेमाल घटा कर उसकी जगह पर्यावरण अनुकूल सामग्रियों का उपयोग बढ़ाने का आह्वान किया. भारत के पहले खिलौना मेला 2021 (Toy Fair) का उद्घाटन करते हुए, मोदी ने कहा, “हमें खिलौना क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना होगा और वैश्विक बाजार की जरुरतों को भी पूरा करना होगा.”
उन्होंने बाजार में भारत की वर्तमान स्थिति पर खेद जताते हुए कहा कि 100 अरब डॉलर के वैश्विक खिलौना बाजार में भारत की हिस्सेदारी बहुत कम है, और देश में बिकने वाले लगभग 85 प्रतिशत खिलौने आयात किए जाते हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमें भारत में हाथ से बने उत्पादों को बढ़ावा देने की जरूरत है.’
प्रधान मंत्री ने चेन्नापट्टनम, वाराणसी और जयपुर के पारंपरिक खिलौना निर्माताओं के साथ बातचीत की और उन्हें बच्चों की बदलती रुचि को ध्यान में रखते हुए नए खिलौने बनाने के लिए प्रेरित किया.
उन्होंने खिलौना निर्माताओं से पर्यावरण के अनुकूल, आकर्षक और अभिनव खिलौने बनाने और अधिक दोबारा इस्तेमाल किये जा सकने वाली सामग्रियों को इस्तेमाल में लाने के लिए कहा.
प्रधान मंत्री ने खिलौना मेला 2021 (Toy Fair) में कहा कि सरकार ने घरेलू खिलौना उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए 15 मंत्रालयों को शामिल करके एक राष्ट्रीय खिलौना कार्य योजना तैयार की है.
उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य भारत को खिलौना क्षेत्र में आत्मानिर्भर बनाना और वैश्विक बाजार में घरेलू खिलौनों की उपस्थिति को बढ़ाना है.
मोदी ने कहा कि भारतीय खिलौना उद्योग में परंपरा, तकनीक, अवधारणा और क्षमता की मौजूदगी है। उन्होंने कहा, ‘हम दुनिया को पर्यावरण के अनुकूल खिलौने दे सकते हैं’.