भारत में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या को कम करने के लिए सरकार उन “अच्छे लोगों” को पुरस्कृत करेगी, जो सड़क दुर्घटना पीड़ितों की सहायता करते हैं और उन्हें सही समय पर अस्पतालों में ले जाते हैं. उन्हें सम्मानित करने के लिए 5,000 रुपये नकद और एक प्रशंसा पत्र दिया जाएगा. वे हर साल ऐसे 10 लोगों को दिए जाने वाले 1 लाख रुपये के पुरस्कार के भी पात्र होंगे. गंभीर चोट लगे किसी व्यक्ति को एक घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचाना चाहिए और ऐसा करने वाले लोगों को सम्मानित करना एक प्रशंसनीय कदम है. सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को समय पर चिकित्सा उपलब्ध करवाकर उनकी जान बचाई जा सकती है.
सोमवार को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रधान और परिवहन सचिवों को लिखे पत्र में कहा कि यह योजना 15 अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2026 तक लागू रहेगी. बड़ी सर्जरी, अस्पताल में कम से कम तीन दिन भर्ती रहने और मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी की क्षति के मामले में ये पुरस्कार दिये जाएंगे.
दिशानिर्देशों के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति द्वारा घटना की सूचना पुलिस को दी जाती है, तो पुलिस डॉक्टर से डेटा की जांच के बाद आधिकारिक लेटर पैड पर यह जानकारी दर्ज करेगी. संबंधित थाना जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में जिला स्तर पर बनाई गई मूल्यांकन समिति को पावती की एक प्रति भेजेगा, जिसकी एक प्रति हितग्राही को भी भेजी जाएगी. जिला स्तरीय अप्रेजल कमेटी मासिक आधार पर प्रस्तावों की समीक्षा और अप्रूव करेगी.
जिला स्तर पर मूल्यांकन समिति, जिसमें संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट, SSP, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMO), RTO (परिवहन विभाग) शामिल हैं, अच्छे लोगों को पुरस्कार देने के लिए मामलों को संबंधित राज्य / केंद्र शासित प्रदेश परिवहन विभाग को भेजेंगे. यदि कोई गुड सेमेरिटन पीड़ित को सीधे अस्पताल लाता है, तो अस्पताल को सभी प्रासंगिक जानकारी उपयुक्त पुलिस स्टेशन को भेजनी चाहिए. पुलिस व्यक्ति के प्रयासों को स्वीकार करेगी.
इनाम के लिए जरूरी डेटा हासिल करने के लिए मंत्रालय एक नया पोर्टल लॉन्च करेगा. जिला प्रशासन घायलों की सहायता करने वाले नागरिक का नाम, पता, मोबाइल नंबर, घटना की जानकारी आदि विवरण दर्ज करेगा. यह जानकारी स्थानीय पुलिस या अस्पताल ट्रॉमा सेंटर के कर्मियों द्वारा भी पोर्टल पर अपलोड की जा सकती है.
भारत में दुनिया में सबसे ज्यादा लोग सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों का शिकार होता है. इन दुर्घटनाओं में हर साल 1.5 लाख लोग मारे जाते हैं और सड़क दुर्घटनाओं के कारण 4.5 लाख लोग अपंग होते हैं. यह नया कदम दुर्घटना पीड़ितों की मदद के लिए जनता की उदासीनता को दूर करने में मदद कर सकता है. जब कोई दुर्घटना होती है, तो अधिकांश राहगीरों की सामान्य प्रतिक्रिया यह होती है कि वे किसी पीड़ित को अस्पताल ले जाने पर लंबी पुलिस/अदालत की प्रक्रियाओं में घसीटे जाने का भय देखते हैं और आगे बढ़ जाते हैं.
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