Why Consumers are Bullish: महंगाई के बावजूद बाजारों में हो रही धूम खरीदारी के कारण छोटे व्यापारियों से लेकर बडे कारोबारियों के चहेरे पर स्माइल दिख रही हैं. ग्राहको ने उम्मीदों और महत्वाकांक्षाओं के साथ अर्थव्यवस्था को भी उत्साहित किया हैं. त्योहारों की चालू सीजन में खरीदारी के ट्रेंड को देखते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स सबसे लोकप्रिय खरीदारी है, इसके बाद परिधानों और खाद्य पदार्थों का स्थान आता है. फर्नीचर, उपहार देने का सामान, हस्तशिल्प ने भी उठान शुरू कर दिया है. कोविड की दूसरी लहर के बाद, सरकार द्वारा शुरू किए गए बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान के पीछे अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे अपने पैरों पर वापस आ रही है. आखिर, कौन से कारक हैं, जो ग्राहकों को महंगाई के बीच खरीदारी के लिए खींच रहे हैं?
यहां पढिए वह 9 कारकों के बारे में, जो भारतीय ग्राहको को बढ रही महंगाई के बीच भी खरीदारी के लिए मजबूर कर रहे हैं.
ऑफिस और स्कूल घर पर आ जाने से ‘स्मार्ट’ डिवाइस की खरीदारी में वृद्धि हुई हैं. कमी के बावजूद स्मार्टफोन, प्रीमियम लैपटॉप और गेमिंग डिवाइस, ऑडियो एक्सेसरीज की मांग लगातार बढ रही है. 2011 के बाद से लैपटॉप सबसे अधिक बिकने वाली श्रेणी के रूप में स्थिर प्रदर्शन कर रहा है, और रिटेलर्स को इस दिवाली में लैपटोप की मांग सबसे अधिक रहने की उम्मीद हैं. Croma Infiniti रिटेल के MD & CEO अविजित मित्रा बताते है कि, “पिछले 18 महीनों में, हमारे घर हमारी जीवन शैली का केंद्र बन गए हैं. नतीजतन, उपभोक्ता अपने रहने की जगह में ज्यादा सुविधा शामिल करने लगे हैं, जिस वजह से स्मार्ट मनोरंजन गैजेट्स और होम अप्लायंसिस की मांग में मजबूत वृद्धि देखने को मिली हैं.”
त्योहारी सीजन में सबसे पहले PNB और बाद में SBI, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक बैंक और फाइनेंस कंपनियों ने होम लोन, पर्सनल लोन, ऑटो लोन जैसे रिटेल लोन के इंटरेस्ट रेट 7 फीसदी से भी कम करने का एलान किया, जिसने ग्राहकों को खरीदारी के लिए प्रोत्साहित किया हैं.
काउंटरपॉइंट के विश्लेषक प्रचिर सिंह का मानना है कि, “महामारी के कारण, उपभोक्ताओं के पास संचित बचत हो सकती है, जो उन्हें अधिक कीमत वाले डिवाइस को चुनने के लिए प्रेरित कर रही हैं.” इसीलिए, लोग इस त्योहारो में अपने स्मार्टफोन बदलते वक्त नई खरीदारी पर 15% से 30% अधिक खर्च कर रहे हैं.
कई ब्रांडों ने बिक्री को बढ़ावा देने के लिए अपने उत्पाद लॉन्च को टाल दिया था और त्योहारी सीजन में प्रोडक्ट लॉन्च कर रहे हैं. नतीजतन, उच्च-डेसिबल मार्केटिंग अभियानों द्वारा समर्थित नए लॉन्च के साथ खरीदारी के रास्ते खुल गए हैं.
ग्राहक OTT प्लेटफॉर्म के माध्यम से मनोरंजन और कंटेट की खपत के लिए स्मार्ट टीवी को अपग्रेड कर रहे हैं. स्मार्टफोन और टीवी एक दशक से अधिक समय से त्योहारी सीजन के दौरान लगातार बेस्टसेलर रहे हैं, इन दोनों श्रेणियों में उपभोक्ताओं की निरंतर मांग बढ़ रही है क्योंकि उपभोक्ता बडे LED स्क्रीन और बेहतर सॉफ्टवेयर एकीकरण जैसी नई तकनीकों का लाभ उठाना चाहते हैं.
RBI के ताजा सरवे के मुताबिक, सितंबर में कंजुमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स 57.7 पर रहा, जो जुलाई के 48.6 के लेवल से काफी अधिक हैं. RBI का मानना है कि, सामान्य आर्थिक स्थिति और रोजगार परिदृश्य पर उच्च आशावाद से उपभोक्ता विश्वास में सुधार हुआ हैं, और ये उपर जने की उम्मीद हैं. TechArch के संस्थापक और मुख्य विश्लेषक फैसल कावूसा कहते है कि, इस त्योहारी तिमाही में लगभग 15,000 रूपये के वार्षिक एवरेज सेलिंग प्राइस (ASP) के मुकाबले, लोगों द्वारा 20,000 रूपये से थोड़ा अधिक औसत कीमत वाले स्मार्टफोन खरीदने की संभावना है. मुख्य कारण ग्राहको की बढती महत्वाकांक्षा है.
पिछले साल फेस्टिव सीजन में खरीदारी का मौका चुक जाने से इस बार पेंट-अप डिमांड का प्रभाव देखने को मिला हैं. उपभोक्ता अपने घरों में अधिक सुविधा और उत्पादकता जोड़ना चाहते हैं, इसलिए गैजेट्स और होम अप्लायंसिस की पेंट-अप डिमांड है.
Amazon, Flipkart ने अक्टूबर के शुरुआती दिनों से ही अपने मेगा सेल शुरु कर दिए थे, वहीं ऑफलाइन रिटेल कंपनियों ने त्योहारों के दिनों में पारंपरिक भीड़ से बचने के लिए और उपभोक्ताओं को एक सुरक्षित खरीदारी वातावरण प्रदान करने के लिए दिवाली के दो हफ्ते पहले से ही फेस्टिव सेल की शुरुआत करी दी.
सरकारी कर्मचारियों का डीए बढने से और निजी सेक्टर के कर्मचारियों का वेतन औसतन 8-10 फीसदी बढने से उनकी खर्च करने की शक्ति बढी हैं. पिछले साल के मुकाबले इस साल कई कंपनियों ने अच्छी कमाई के कारण कर्मचारियों को बोनस दिया हैं, जिस कारण बाजारों में भीड बढ रही हैं.
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