कोरोना (Corona) महामारी के चलते देश का हेल्थ सेक्टर (health sector) काफी दबाव में है. अभी देशभर में सरकारी हेल्थकेयर सेक्टर (healthcare sector) का बुनियादी ढांचा पर्याप्त नहीं है. डॉक्टरों से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के चलते अलग-अलग राज्य में इनकी मांग भी बढ़ने लगी है . अब जब देश में कोरोना की तीसरी या फिर अन्य लहरों की बात की जा रही है, ऐसे में केंद्र सरकार ने हेल्थ सेक्टर (health sector) में बंपर भर्तियां निकालने की तैयारी शुरू कर दी है. केंद्र सरकार के श्रम मंत्रालय ने आदेश जारी करते हुए सरकारी जॉब प्लेटफॉर्म नेशनल करियर सर्विस (NCS) पर हेल्थकेयर सेक्टर के लिए एक अलग सेक्शन तैयार करने के लिए कहा है. इतना ही नहीं सरकार ने हेल्थकेयर सेक्टर (healthcare sector) में जॉब की तलाश करने वाले लोगों का डेटा प्राइवेट अस्पतालों से भी मांगा है ताकि उन लोगों को नौकरी पर रखा जा सके. यह डेटा NCS पर ही ट्रांसफर किया जाएगा. NCS सरकार का एक प्लेटफॉर्म है जहां अलग-अलग सरकारी सेक्टर में निकलने वाली वैकेंसी के बारे में जानकारी मिलती है.
नई वैकेंसी डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ सहित सभी तरह के हेल्थकेयर पोस्ट को लेकर रहेंगी. हेल्थकेयर सेक्टर (healthcare sector) में वैकेंसी बढ़ाने के लिए सरकार ने बकायदा एक एम्पॉवर्ड ग्रुप भी बनाया है जिसमें सेक्रेटरी लेवल के ऑफिसर को जिम्मेदारी सौंपी है. ये ग्रुप डेटा की समीक्षा करने के अलावा मौजूदा डिमांड के अनुसार वैकेंसी निकालेंगे. हालांकि यह स्थायी या अस्थायी स्तर की होगी, इसके बारे में अभी जानकारी नहीं है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार देश में जनसंख्या के अनुपात में छह लाख डॉक्टर, 20 लाख नर्स की कमी है. वहीं 10 हजार की आबादी पर 9 डॉक्टर और 15 नर्स तैनात हैं. ऐसे में जब कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है तो अस्पतालों में हेल्थकेयर स्टाफ की कमी को दूर करना भी सबसे जरूरी है. इसी पर सरकार काफी तेजी से काम कर रही है.
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