कोविड का दौर खत्म होने का जिन कुछ सेक्टर्स को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है, उनमें रियल्टी सेक्टर भी एक है. हालात सामान्य होते हुए ही लोगों ने मकान खरीदने की अपनी रुकी पड़ी योजना को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है. हालांकि अभी लग्जरी सेगमेंट में ही डिमांड ज्यादा है.
मकानों की बिक्री में तेजी आई तो रियल एस्टेट कंपनियां भी बुरे दौर से बाहर होने लगीं. उनका बहीखाता मजबूत होने लगा और उन्होंने नए-नए प्रोजेक्ट लॉन्च करने शुरू कर दिए. इन सबका असर रियल एस्टेट शेयरों पर दिख रहा है.
रियल्टी इंडेक्स हुआ मजबूत निफ्टी रियल्टी इंडेक्स इस साल में अब तक करीब 22 फीसदी तक चढ़ गया है. यह करीब 21 महीने के उच्च स्तर पर चल रहा है. इसकी तुलना में इस साल निफ्टी 50 में करीब 2.5 फीसद की ही बढ़त हुई है. निफ्टी रियल्टी इंडेक्स के तीन टॉप कंट्रीब्यूटर्स में शोभा लिमिटेड, डीएलएफ और महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स शामिल हैं.
रियल एस्टेट कंपनियों के शेयर लगातार बढ़ रहे हैं. अगर अलग-अलग शेयरों की बात करें तो पिछले दो महीने में शोभा डेवलपर्स के शेयर में करीब 27 फीसद की बढ़ोतरी हुई है और 15 जून को यह 556 रुपए के स्तर तक पहुंच गया. कंपनी के तिमाही नतीजे अच्छे रहे हैं और इसकी बिक्री लगातार अच्छी होती दिख रही है.
इसी तरह लोढ़ा समूह की कंपनी Macrotech Developers के शेयरों में भी अच्छी तेजी देखी जा रही है. पिछले दो महीने में इस शेयर में भी करीब 42 फीसद की तेजी आई है. 15 जून को यह शेयर 648 रुपए पर बंद हुआ. कंपनी ने भरोसा जताया है कि वह मजबूत फंडामेंटल और आपूर्ति में कंसोलिडेशन की वजह से मीडियम टर्म में 20 फीसद की CAGR यानी सालाना चक्रवृद्धि ग्रोथ रेट हासिल कर सकती है.
जानकारों का कहना है कि आगे भी रियल्टी सेक्टर का अच्छा प्रदर्शन जारी रह सकता है. लगातार अच्छी मांग और नए लॉन्च की वजह से इनके प्री सेल्स में अच्छी बढ़त देखी जा रही है. वित्त वर्ष 2023 में इन कंपनियों के प्री सेल्स में साल दर साल 43 फीसद की बढ़ोतरी हुई है.
कारोबार हुआ मजबूत
ऊंची ब्याज दरों का भी रियल एस्टेट में इन्क्वायरी या फुटफॉल पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है. अफोर्डेबिलिटी के अनुकूल दशा और अभी भी बड़ी जनसंख्या के पास मकान न होने की वजह से इन कंपनियों को उम्मीद है कि मीडियम टर्म में अच्छी ग्रोथ मिलेगी.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का कहना है कि लगातार मांग की वजह से मीडियम टर्म में इन कंपनियों की बिक्री में 15 से 20 फीसद की बढ़त हो सकती है. मोतीलाल ओसवाल ने उन कंपनियों की रीरेटिंग की संभावना जताई है जिनका कारोबार मजबूत है और अच्छे कैश फ्लो की वजह से जिनमें आगे भी ग्रोथ की उम्मीद दिख रही है.
पिछली कुछ तिमाहियों से रियल एस्टेट कंपनियों का कारोबार और प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. रियल एस्टेट कंपनियों की चौथी तिमाही की कमाई भी सकारात्मक रही है और आगे रिजर्व बैंक के अब ब्याज दरों में बढ़त न करने का भरोसा है. इससे रियल एस्टेट कंपनियों के लिए डिमांड अच्छी रहने की उम्मीद है.
प्रॉपर्टी की इन्वेंट्री कम हो रही है और कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. देश के टॉप 7 शहरों में रेजिडेंशियल इन्वेंट्री अक्टूबर 2017 में 45 महीने के पीक लेवल से घटकर अब 11 साल के निचले स्तर 18.6 महीने की बिक्री तक ही रह गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार, अगले कुछ वर्षों में मकानों के निर्माण वॉल्यूम में सालाना 15 फीसद की बढ़त हो सकती है.
इंवेस्टमेंट बैंकिंग एवं कैपिटल मार्केट फर्म जेफ्रीज (Jefferies) ने अपनी नवीनतम GREED & Fear रिपोर्ट में कहा है कि पहले कई साल गिरावट और पेंटअप डिमांड की वजह से रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी का यह साइकिल अभी तीन-चार साल और जारी रह सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यह यह बात मान लें कि अब रिजर्व बैंक दरों में बढ़त नहीं करेगा तो प्रॉपर्टी शेयरों में निवेश का मौका आ गया है.
अब सवाल उठता है कि अगर रियल एस्टेट शेयरों में निवेश का मौका है तो निवेश के लिए किन बातों का ध्यान रखना होगा और किन शेयरों में पैसा लगाना चाहिए? क्या टारगेट होना चाहिए?
इन शेयरों में करें निवेश शेयर इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट रवि सिंह ने गोदरेज प्रॉपर्टीज और डीएलएफ में निवेश की सलाह दी है. उन्होंने गोदरेज प्रॉपर्टीज के लिए टारगेट प्राइस 1650 रुपए और डीएलएफ के लिए टारगेट प्राइस 580 रुपए बताया है.
एक ट्रेंड यह देखा जा रहा है कि रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स में जितनी डिमांड बढ़ी है, उतनी कॉमर्शियल में नहीं और अफोर्डेबल हाउस की डिमांड भी अभी नहीं बढ़ पा रही. इसलिए निवेशकों के लिए बेहतर यह है कि किसी एक शेयर की जगह तीन-चार तरह की वेराइटी वाले पोर्टफोलियो में निवेश करें. किसी भी सेक्टर में निवेश अगर आप लॉन्ग टर्म में करेंगे तो ही बेहतर फायदा मिलेगा. किसी भी शेयर में निवेश के समय ही स्टॉपलॉस जरूर लगाएं, यह आपको ज्यादा नुकसान से बचा सकता है.
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