प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सात नई रक्षा कंपनियां राष्ट्र को समर्पित की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 41 आयुध निमार्णियों को सात कंपनियों में बदलने से रक्षा तैयारियों में देश की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र ने ‘राष्ट्र-सुरक्षा’ के लिए हाथ मिलाया है जो भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और उसे नई ऊंचाइयों तक ले जायेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से देश के रक्षा क्षेत्र में नवाचार की कमी देखी गई. उन्होंने कहा कि ये सात नई कंपनियां रक्षा क्षेत्र में प्रगति और आत्मनिर्भरता की दिशा में सरकार के प्रयासों को आगे बढ़ाएंगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि इन कंपनियों के पास 65 हजार करोड़ रुपये से अधिक के ऑडर्र इस बात प्रमाण हैं कि देश का इनमें विश्वास बढ़ रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार रक्षा क्षेत्र में इतने बड़े सुधार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान का लक्ष्य देश को अपने दम पर दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य शक्ति बनाना और भारत में आधुनिक सैन्य उद्योग का विकास करना है. मोदी ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि भारतीय कंपनियां न केवल अपने उत्पादों में विशेषज्ञता हासिल करें बल्कि एक वैश्विक ब्रांड भी बनें. उन्होंने कहा कि जहां एक ओर प्रतिस्पर्धी लागत हमारी ताकत है, वहीं गुणवत्ता और विश्वसनीयता, रक्षा उत्पादों की पहचान होनी चाहिए.
प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप्स कंपनियों से एक दूसरे के अनुसंधान और विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए इस नई यात्रा का हिस्सा बनने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि सरकार ने इन सात नई कंपनियों को न केवल बेहतर उत्पादन वातावरण उपलब्ध कराया है बल्कि पूर्ण कार्यात्मक स्वायत्तता भी दी है. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों के हितों का पूरी तरह से ध्यान रखा जाए.