अमेरिकी ऑटोमोबाइल कंपनी टेस्ला की भारत में व्यापार को लेकर दिलचस्पी बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि टेस्ला भारत से 1.7 से 1.9 बिलियन डॉलर के पार्ट्स खरीदने की योजना बना रही है. इस बात की जानकारी केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दी. उन्होंने यह भी बताया कि टेस्ला ने पिछले साल ही भारत से 1 बिलियन डॉलर के कंपोनेंट्स मंगवाए थे. गोयल का ये बयान ऐसे समय आया है जब टेस्ला भारत में किफायती इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए मैन्यूफैक्चरिंग सुविधा स्थापित करने के बारे में सरकार के साथ बातचीत कर रही है.
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार टेस्ला की रणनीति में बदलाव देश में स्थानीय स्तर पर निर्माण करने की इच्छा को दिखाता है. कंपनी के अधिकारियों ने मई में भारत का दौरा भी किया था और वाहनों और बैटरी दोनों के लिए मैन्यूफैचरिंग यूनिट स्थापित करने के बारे में बातचीत शुरू की थी. इसी के बाद जून में पीएम मोदी से एलन मस्क की मुलाकात हुई थी. जिसमें मस्क ने भारत में पर्याप्त निवेश करने का इच्छा जताई थी.
साल 2021 में, टेस्ला ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर लगाए गए 100 प्रतिशत आयात कर में छूट की वकालत की थी, हालांकि टेस्ला और भारतीय अधिकारियों के बीच बात बन नहीं पाई थी. साथ ही सरकार ने यह स्पष्ट किया कि वह टेस्ला के लिए किसी भी कर छूट पर विचार नहीं कर रही है. भारतीय सरकार का यह भी कहना था कि टेस्ला को पहले लोकल मैन्यूफैक्चरिंग पर ध्यान देना चाहिए. इसी के तहत अब टेस्ला ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है. कंपनी का लक्ष्य लगभग 20 लाख रुपए की कीमत के साथ एक नई ईवी का उत्पादन करना है, जो इसे इसके मौजूदा एंट्री-लेवल मॉडल की तुलना में लगभग 25 प्रतिशत अधिक किफायती बनाती है.