कनाडा के साथ राजनयिक तनाव बढ़ने की वजह से वहां से दलहन का आयात प्रभावित होने की आशंका है. खासकर मसूर के इंपोर्ट पर असर पड़ने की आशंका जताई जाने लग गई है. बता दें कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश में कुल 8.58 लाख टन मसूर का आयात हुआ था, जिसमें 4.85 लाख टन का इंपोर्ट अकेले कनाडा से हुआ है. इस साल जून तिमाही के दौरान देश में करीब 3 लाख टन मसूर का आयात हुआ है जिसमें 2 लाख टन से ज्यादा इंपोर्ट कनाडा से हुआ है.
वित्त वर्ष 2022-23 में 8.58 लाख टन मसूर का इंपोर्ट
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश में 8.58 लाख टन मसूर का आयात हुआ है, इसमें 4.85 लाख टन मसूर कनाडा से इंपोर्ट हुआ है और 3.55 लाख टन का आयात ऑस्ट्रेलिया से हुआ है, इस दौरान अमेरिका से कोई भी मसूर का आयात नहीं हुआ है.
महंगाई को रोकने के लिए सरकार ने उठाए कई कदम
गौरतलब है कि सरकार पिछले कुछ महीनों से दालों की महंगाई को काबू करने के लिए कई कदम उठा चुकी है. सरकार की ओर से दलहन इंपोर्ट की शर्तों में ढील दी गई है. इसके अलावा घरेलू स्तर पर स्टॉक लिमिट भी लगाई गई है. हालांकि सरकार की ओर से की गई तमाम कोशिशों के बावजूद दालों की महंगाई कम होने के बजाय लगातार बढ़ रही है.
5 फीसद पिछड़ा खरीफ दलहन का रकबा
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 15 सितंबर तक देशभर में खरीफ दलहन की बुआई 121 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब 5 फीसद कम है. पिछले साल इस अवधि में खरीफ दलहन का रकबा 127.57 लाख हेक्टेयर था. खरीफ दलहन की सबसे बड़ी फसल तुअर का रकबा 5.6 फीसद घटकर 43.21 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 45.81 लाख हेक्टेयर था.