देश में शुरू हुई 5G स्पेक्ट्रम नीलामी (Spectrum Auction) के पहले दिन सोमवार को कुल 77,146 करोड़ रुपये की बोलियां आई हैं. इस नीलामी में वोडाफोन आइडिया, रिलायंस जियो, और भारती एयरटेल ने भाग लिया. शाम 6 बजे तक चार राउंड में चली नीलामी (Spectrum Auction) की इस प्रक्रिया में अगले दो राउंड होने अभी अनुमानित हैं, जिनका आयोजन कल होगा. नीलामी की इस प्रकिया में शुरुआती मूल्य पर करीब 4 लाख करोड़ रुपये मूल्य के सात बैंड में करीब 2,308.80 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की गई है. नीलामी के पहले दिन 800, 900, 1800, 2100 और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड पर बोलियां आई हैं. जबकि 700 और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड में रेडियो तरंगों के लिये कोई बोलीदाता नहीं आया.
अनुमान से ऊपर रही बोलियां नीलामी (Spectrum Auction) के ख़त्म होने के बाद दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि नीलामी (Spectrum Auction) के पहले दिन 77,146 करोड़ रुपये मूल्य के स्पेक्ट्रम के लिये बोलियां आई हैं. लेकिन प्रीमियम 700 और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड में रेडियो तरंगों के लिये कोई बोलीदाता नहीं आया. कंपनियों की तरफ से आयी बोलियां सरकार के आंतरिक अनुमान से पार कर गई हैं. आंतरिक अनुमान में 45,000 करोड़ की बोलियां अनुमानित थी.
5G में उपयोगी है 700 मेगाहट्र्ज केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘सोमवार शाम छह बजे तक 77,146 करोड़ रुपये की विजेता बोलियां आयीं. चूंकि केवल तीन कंपनियां हैं, अत: स्पेक्ट्रम अदला-बदली हो रही है. हमारा अनुमान था कि करीब 45,000 करोड़ रुपये की बोलियां आएंगी लेकिन यह इससे कहीं ऊपर 77,146 करोड़ रुपये रहा, कुल 4 लाख करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम को नीलामी के लिये रखा गया है, जिसमें 700 मेगाहर्ट्ज, बैंड महंगा है और इसकी कुल लागत 1.97 लाख करोड़ रुपये है.’’ अगर मौजूद नीलामी (Spectrum Auction) में 700 मेगाहट्र्ज में बोलियां नहीं आती हैं, तो सरकार 5G में उपयोगी इस मेगाहर्ट्ज के बारे में निर्णय करेगी.
2,308.80 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम नीलामी के लिये उपलब्ध कुल 2,308.80 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम नीलामी (Spectrum Auction) के लिये रखा गया है. इसमें से अबतक 849.20 मेगाहट्र्ज के लिये बोलियां आई हैं. अभी तक बोलियां 800, 900, 1800, 2100 और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड में आई हैं.
नीलामी से सरकारी खजाने में बढ़ोत्तरी की उम्मीद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिसंबर 2020 में बहुप्रतिक्षित बिक्री को मंजूरी दे दी थी जिसके बाद टेलीकॉम कंपनियों ने ये साफ कह दिया था कि उनकी बोली उतनी उत्साही नहीं हो सकती है क्योंकि वे भी आर्थिक रूप से चुनौतियों को सामना कर रहे हैं और इसलिए वे मुख्य रूप से अपने स्पेक्ट्रम होल्डिंग्स में अंतराल दर्ज करने पर ध्यान देंगे.
स्पेक्ट्रम नीलामी क्या है स्पेक्ट्रम नीलामी (Spectrum Auction) वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा सरकार विशिष्ट बैंड पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिग्नल्स के ट्रांसमिशन के अधिकार बेचती है. 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के बाद 4G के मुकाबले तेज और बेहतर ब्रोड्बैंड सेवाएं मिलेंगी. लंबे समय से प्रतीक्षित यह स्पेक्ट्रम नीलामी चार वर्ष के अंतराल और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा रेडियो तरंगों के लिये आधार/आरक्षित मूल्य की गणना तथा इनकी अनुशंसा किये जाने के दो वर्षों से अधिक समय के बाद आयोजित की जा रही है.
कैसे होगा रकम का भुगतान नीलामी (Spectrum Auction) के तहत स्पेक्ट्रम की पेशकश 20 साल के लिये की जा रही है. सफल बोलीदाता एक बार में पूरी बोली राशि का भुगतान कर सकते हैं या फिर दूसरा विकल्प चुन सकते हैं. दूसरे विकल्प के तहत 700, 800, और 900 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिये 25 प्रतिशत का भुगतान शुरुआत में करना होगा. जबकि 1800, 2100, 2300, और 2500 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिये 50 प्रतिशत का भुगतान शुरुआत में करना होगा. शेष राशि का भुगतान अगले दो साल की छूट अवधि के बाद 16 किस्तों(अधिकतम) में किया जा सकता है. दूसरे विकल्प के तहत सरकार को चालू वित्त वर्ष में 12,000-13,000 करोड़ रुपये तथा करीब उतनी ही राशि अगले वित्त वर्ष में मिलने की उम्मीद है.
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