एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने मंगलवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष में उबरने की राह पर है. एजेंसी ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लगातार अच्छे प्रदर्शन, कोविड-19 के संक्रमण की कम होती रफ्तार और सरकारी व्यय में तेजी से अर्थव्यवस्था को समर्थन मिल रहा है.
एसएंडपी (S&P) ने कहा कि पुनरुद्धार जारी रखने के लिये भारत को कई चीजों को सही करने की जरूरत है. भारत को शीघ्रता से अपनी 1.4 अरब की आबादी को टीके लगाने (Vaccination) की जरूरत है.
एसएंडपी (S&P) ने ‘क्रॉस सेक्टर आउटलुक: इंडियाज एस्केप फ्रॉम कोविड’ (Cross Sector Outlook: India’s Escape From Covid) शीर्षक रिपोर्ट में कहा, ‘‘कोविड-19 के अधिक संक्रामक रूप लेने तथा टीके से उत्पन्न की जा रही प्रतिरोधकता को अक्षम बनाने से इस पुनरुद्धार को जोखिम पैदा हो सकता है. इसके अलावा वैश्विक स्तर पर जो वित्तीय उपाय किये गये हैं, उन्हें समय से पहले वापस ले लिये जाने का भी जोखिम है.’’
एजेंसी (S&P) ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 का बजट भी अपेक्षित से अधिक खर्चों के माध्यम से पुनरुद्धार का समर्थन करेगा. भारत की वृद्धि की संभावनाएं उसके अधिक आक्रामक राजकोषीय रुख से जुड़े उच्च घाटे को संभाले रखने की क्षमता के लिये महत्वपूर्ण हैं.
अर्थव्यवस्था स्थिरता से पुनरुद्धार की ओर बढ़ रही है और अभी भी महत्वपूर्ण जोखिमों का सामना कर रही है. हम अनुमान लगाते हैं कि भारत उत्पादन के मोर्चे पर महामारी से पहले की गति की तुलना में एक स्थायी नुकसान का सामना करने जा रहा है, जो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के करीब 10 प्रतिशत के बराबर का दीर्घकालिक हो सकता है.