सोयाबीन प्रसंस्करणकर्ताओं के एक प्रमुख संगठन ने अनुमान जताया है कि मौजूदा खरीफ सत्र के दौरान देश में सोयाबीन का रकबा करीब आठ लाख हेक्टेयर के इजाफे के साथ 122.39 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है. इंदौर स्थित सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) ने सोयाबीन की बुआई का आंकड़ा 8 अगस्त तक की स्थिति के आधार पर साझा किया है.
अच्छी पैदावार की उम्मीद: सोपा
सोपा के मुताबिक देश के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक मध्य प्रदेश में 53.13 लाख हेक्टेयर में इसकी बुआई हुई है. संगठन के मुताबिक महाराष्ट्र में 48.55 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 11.43 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 3.92 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 2.63 लाख हेक्टेयर, तेलंगाना में 1.72 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 34,000 हेक्टेयर और अन्य राज्यों में 67,000 हेक्टेयर में सोयाबीन की खेती हुई है. सोपा के कार्यकारी निदेशक डी एन पाठक ने बताया है कि देश में कुल मिलाकर सोयाबीन की फसल की स्थिति फिलहाल ठीक है और हम इसकी अच्छी पैदावार की उम्मीद कर रहे हैं.
पिछले साल कुल 114.50 लाख हेक्टेयर में हुई थी खेती
सोपा के आंकड़ों के मुताबिक 2022 के खरीफ सत्र के दौरान देशभर में कुल 114.50 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया गया था और इस तिलहन फसल की पैदावार 124 लाख टन के आस-पास रही थी. केंद्र सरकार ने विपणन सत्र 2023-24 के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पिछले सत्र के 4,300 रुपए प्रति क्विंटल से 300 रुपए बढ़ाकर 4,600 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है.