अगर आप सोने में निवेश की योजना बना रहे हैं तो अच्छा मौका है. आरबीआई ने सॉवरने गोल्ड बॉन्ड यानी एसजीबी की नई किस्त जारी की है. इस इश्यू में 11 सितम्बर से 15 सितंबर तक निवेश कर सकते हैं. खास बात यह है कि 5 दिन तक आप बाजार भाव से सस्ता सोना खरीद सकते हैं.
कितना मिलेगा सस्ता? फिलहाल सोने का हाजिर भाव 60,800 रुपए प्रति दस ग्राम है. आरबीआई ने गोल्ड बॉन्ड का भाव 5923 रुपए प्रति ग्राम तय किया है. इस तरह गोल्ड बॉन्ड में 59230 रुपए प्रति 10 ग्राम के हिसाब से सोना खरीद सकते हैं. अगर आप ऑनलाइन पेमेंट करते हैं तो 50 रुपए प्रति ग्राम की और छूट मिल जाएगी. इस तरह आपको सरकार की ओर से बेचा जा रहा सोना 2070 रुपए प्रति 10 ग्राम (60,800-58,730) सस्ता मिल जााएगा. इस तरह अगर आप ऑनलाइन गोल्ड बॉन्ड खरीद रहे हैं तो पहले दिन आप 3.5 फीसद का मुनाफा कमा सकते हैं.
कैसी है स्कीम निवेश के लिए एसजीबी एक सरकारी योजना है. इसकी मैच्योरिटी की अवधि 8 साल है. हालांकि पांच साल बाद इस बॉन्ड को बेचा जा सकता है. एसजीबी में सोने की तेजी का फायदा तो मिलता ही है… साथ ही निवेश पर सालाना 2.5 फीसद का ब्याज भी मिलता है. जो छमाही आधार पर निवेशक के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है.
कितना खरीद सकते हैं सोना? सरकारी गोल्ड बॉन्ड में न्यूनतम 1 ग्राम सोना खरीद सकते हैं जबकि एक वित्त वर्ष में अधिकतम 400 ग्राम सोना खरीदा जा सकता है. ट्रस्ट और अन्य समान संस्थाएं एक वित्त वर्ष में 20 किलोग्राम तक सोना खरीद सकती हैं.
कैसे खरीदें गोल्ड बॉन्ड? बैंक और डाकघर की प्रमुख शाखाओं में गोल्ड बॉन्ड की सुविधा दी जा रही है. प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज एनएसई और बीएसई के जरिए भी गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं. ऑनलाइन खरीद कर आप इसे अपने डीमैट अकाउंट में रख सकते हैं. आप नेट बैंकिंग के जरिए भी इसमें निवेश कर सकते हैं. लगभग सभी बड़े बैंक यह सुविधा दे रहे हैं. बैंक गोल्ड बॉन्ड के रूप में सर्टिफिकेट जारी करते हैं. इसके लिए डीमैट खाते की जरूरत नहीं होती.
कैसे लगता है टैक्स? गोल्ड बॉन्ड को आठ साल की मैच्योरिटी पर भुनाने पर पूरी रकम टैक्स फ्री होती है. मैच्योरिटी से पहले आरबीआई के जरिए रीडिम कराने पर मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. अगर यह बांड एक्सचेंज के जरिए बेचा जाता है तो इससे मिलने वाला रिटर्न पूंजीगत लाभ की श्रेणी में आएगा. यह बांड खरीदने की तारीख से तीन साल पहले बेचा जाता है तो इससे मिलने वाला रिटर्न शार्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा. यह आय निवेशक की सालाना में जुड़ेगी जिस पर स्लैब के अनुसार टैक्स बनेगा. अगर यही बांड तीन साल बाद बेचा जाता है तो यह रिटर्न लांग टर्म कैपिटल गेन की श्रेणी में आएगा जिस पर 20 फीसद की दर से टैक्स देना होगा. हालांकि छमाही आधार पर मिलने वाला ब्याज निवेशक की सालाना आय में जुड़ेगा जिस पर स्लैब के आधार पर टैक्स लागू होगा.
कितना होना चाहिए सोना? पर्सनल फाइनेंस एक्सपर्ट जितेन्द्र सोलंकी कहते हैं तो सुरक्षित निवेश के लिए सोना अच्छा विकल्प है. अपने पोर्टफोलियो का 10 से 15 फीसद तक हिस्सा गोल्ड में निवेश करना चाहिए. इस निवेश के लिए गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ईटीएफ अच्छे विकल्प हैं. इन दोनों 50-50 फीसद राशि लगा सकते हैं. बहरहाल, आपके पोर्टफोलियो में गोल्ड बॉन्ड जरूर शामिल होना चाहिए. बच्चों की शादी के लिए थोड़े थोड़े निवेश करके सोना इकट्ठा करने के लिए गोल्ड बॉन्ड शानदार विकल्प है.
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