सुपरटेक ग्रुप के प्रोजेक्ट्स में फंसे 20 हजार से अधिक घर खरीदारों के लिए आई अच्छी खबर. ग्रुप के 16 अधूरे प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए सिंगापुर की ओकट्री कंपनी 1600 करोड़ निवेश करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. अटकी परियोजनाएं तीन साल में पूरी होने का अनुमान. इन परियोजनाओं के कई सालों से घर मिलने का कर रहे हैं 20 हजार से अधिक खरीदारों का सपना पूरे होने वाला है. उधर सुप्रीम कोर्ट को कहना है कि ग्रुप के सभी प्रोजेक्टों को एनसीएलटी में नहीं लाया जा सकता. इससे घर खरीदारों को नुकसान होगा.
लगातार मुसीबतों का सामना कर रहे सुपरटेक ग्रुप के लिए यह फैसला बड़ी राहत लेकर आया है. साथ ही इससे जो रकम जुटेगी उससे बैंकों और प्राधिकरण का बकाया भी चुकाया जाएगा. सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में एक प्रस्ताव दिया गया था कि सिंगापुर की ओकट्री कंपनी समूह में निवेश करने को तैयार है. इसकी मंजूरी मिलने पर सुपरटेक के अधूरे पड़े 16 प्रोजेक्ट्स पूरे हो सकेंगे. तीन साल में वह हर तिमाही में किस प्रोजेक्ट में कितने फ्लैटों का निर्माण कार्य पूरा कर सौंपेंगे, इसका प्रस्तावित प्लान बनाकर उन्होंने कोर्ट में भी सौंप दिया है.
क्या चाहते हैं बैंक?
ओक ट्री कंपनी के निवेश पर बैंकों का कहना है कि अगर सिंगापुर की कंपनी सुपरटेक में अधिक ब्याज दर पर निवेश करेगी तो उनका बकाया कैसे मिलेगा. बैंक चाहते हैं कि उनके बकाया चुकाने के बाद ही निवेश की अनुमति दी जाए.
बता दें नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के आदेश के बाद सुपरटेक के एक प्रोजेक्ट पर दिवालिया समाधान प्रक्रिया (आईआरपी) की नियुक्ति की गई है. उसके दिवालिया घोषित होने की प्रक्रिया चल रही है. इससे सुपरटेक के अधूरे पड़े अन्य हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को लेकर सवाल खड़े होने लगे थे. एनसीएलटी के नियुक्त आईआरपी हितेश गोयल ने बताया कि सभी प्रोजेक्ट्स को सुपरटेक ग्रुप के प्रमोटर आरके अरोड़ा और उनकी कंपनी पूरा करेगी. निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग आईआरपी करेगा.