भारत और UAE के बीच मुक्त व्यापार समझौता होने की वजह से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के रास्ते चांदी के इंपोर्ट में जोरदार उछाल देखा जा रहा है. इस साल मार्च तिमाही के दौरान UAE के रास्ते चांदी के इंपोर्ट में 40 फीसद बढ़ोतरी दर्ज की गई है. मार्च तिमाही में UAE के रास्ते 1,542 टन चांदी का आयात हुआ है. देश में सामान्यतौर पर चांदी के आयात पर 15 फीसद टैक्स चुकाना पड़ता है, लेकिन UAE के साथ मुक्त व्यापार समझौता होने की वजह से उस रास्ते इंपोर्ट होने वाली चांदी पर 8 फीसद ही टैक्स लगता है और यही वजह है कि वहां से इंपोर्ट में बढ़ोतरी हो रही है. बता दें कि मार्च 2023 तक UAE के रास्ते होने वाली चांदी के इंपोर्ट पर 9 फीसद टैक्स थी.
बुलियन रिसर्च फर्म मेटल फोकस द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत ने 2024 के शुरुआती 3 महीने में 3,730 टन चांदी का आयात किया है, जबकि साल 2023 में पूरे साल के दौरान 3,475 टन चांदी का आयात किया गया था. साल 2022 में चांदी का आयात 9,450 टन की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था. बता दें कि पूर्व में भारत को चांदी के सबसे बड़े सप्लायर यूके और हॉन्गकॉन्ग थे, हालांकि जानकारों का कहना है कि अब स्थिति में बदलाव आ गया है.
चांदी के बड़े कारोबारी के मुताबिक कम शुल्क की वजह से घरेलू बाजार में चांदी 4,500 रुपए प्रति किलोग्राम की छूट पर बिक्री की जा रही है. उनका कहना है कि सोलर एनर्जी के लिए उपयोग की जाने वाली चांदी के प्लेटों की मांग ज्यादा है. हाल ही में जारी किए गए वर्ल्ड सिल्वर सर्वे 2024 के मुताबिक यूएई से आयात पर शुल्क का अंतर हर साल 1 फीसद की कटौती के साथ बढ़ता रहेगा. किसी भी नीतिगत बदलाव या अन्य देशों के लिए भारतीय चांदी के आयात शुल्क में कमी के अभाव में आने वाले वर्षों में संयुक्त अरब अमीरात भारत को चांदी का सबसे बड़ा सप्लायर बना रहने की संभावना है.