संकटग्रस्त एयरलाइन Go First का संकट और बढ़ता ही दिख रहा है. नागर विमानन नियामक DGCA ने अब Go First एयरलाइन को सख्त चेतावनी देते हुए तत्काल प्रभाव से टिकटों की बिक्री रोकने और बुकिंग बंद करने को कहा है. यही नहीं, DGCA ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए एयरलाइन से पूछा है कि अगर वह सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से उड़ान शुरू करने में विफल रहता है, तो क्यों न उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाए.
DGCA ने 24 मई तक इस नोटिस का जवाब देने को कहा है. अगर गो फर्स्ट ने 24 मई तक जवाब नहीं दिया तो गो फर्स्ट के ऑपरेटर सर्टिफिकेट पर DGCA कोई फैसला कर सकता है. इस बीच सरकार ने यह साफ किया है कि गो फर्स्ट को सरकार फिलहाल बचाने के लिए कोई राहत पैकेज नहीं देने वाली है. केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि जब तक एयरलाइन को इंजन आपूर्ति सुनिश्चित नहीं होता, तब तक कुछ करना मुश्किल है.
DGCA ने इस लो कॉस्ट एयरलाइन को दूसरी बार नोटिस दी है. DGCA ने कहा कि अगले आदेश तक गो फर्स्ट टिकटों की बिक्री और बुकिंग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी रूप में न करे. यही नहीं, कई ट्रैवलएजेंट एसोसिएशन और सर्विस प्रोवाइडर भी अब गो फर्स्ट के खिलाफ NCLT में जाने की तैयारी कर रहे हैं इन सर्विस प्रोवाइडर्स का एयरलाइन पर करीब 900 करोड़ रुपया बकाया है, लेकिन एयरलाइन टिकट का पैसा रिफंड करने की जगह क्रेडिट शेल देकर बहला रहा है. इसमें यात्रियों के टिकट और एडवांस बुकिंग का पैसा शामिल है.
संकटग्रस्त एयरलाइन Go First की उड़ानें बंद हो चुकी हैं. नागर विमानन नियामक DGCA ने कहा है कि एयरलाइन कैंसिल हुई सभी फ्लाइट के लिए टिकट की राशि यात्रियों को वापस करे. एक अन्य घटनाक्रम में नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने SpiceJet एयरलाइन को नोटिस दिया है. Aircastle Ireland Ltd की याचिका पर यह नोटिस दिया गया है.
लीज पर एयरक्राफ्ट देने वाली कंपनी Aircastle ने कहा है कि SpiceJet ने उसका पेमेंट डिफॉल्ट किया है, इसलिए उसके खिलाफ इन्सॉल्वेंसी रीजोल्यूशन की कार्यवाही शुरू की जाए. इस मामले में अगली सुनवाई 17 मई को है. रामलिंगम सुधार की अध्यक्षता वाली NCLT की दो सदस्यीय खंडपीठ ने स्पाइसेजट को नोटिस दिया है.