खुदरा निवेशक लगातार घरेलू इक्विटी बाजारों में खरीदारी कर रहे हैं, जिसने बेंचमार्क इक्विटी इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी को अगस्त में अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंचा दिया है. एनएसई प्रमुख विक्रम लिमये ने रविवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में एक्सचेंज में 50 लाख से अधिक नए निवेशकों ने पंजीकरण कराया है. यह पिछले वित्त वर्ष (2020-2021) में जुड़े करीब 80 लाख नए निवेशकों का 62.5% फीसद है।
इस बात की प्रबल संभावना है कि मार्च 2020 के निचले स्तर के बाद जुड़े नए निवेशकों ने घरेलू इक्विटी बाजार में तेजी से पैसा कमाया है. यह रैली 150 किमी/घंटा की गति से कार चलाने के समान है. इसलिए, अपने पैर को ब्रेक पर रखने और बुनियादी गलतियों से बचने का यह सही समय है, जो आपके इक्विटी पोर्टफोलियो को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
ऐसे निवेशकों को यह सलाह दी जाती है कि वे ओवर वैल्यूड शेयरों से बचें और शॉर्ट-टर्म ट्रेड करते समय हमेशा स्टॉप लॉस रखें. लंबी अवधि के लिए निवेश करते समय कंपनी के फंडामेंटल की भी जांच करनी चाहिए. बाजार सहभागियों को भी लीवरेजिंग से बचना चाहिए, क्योंकि इक्विटी बाजार में किसी भी गिरावट के मामले में यह परेशानी में डाल सकता है.
मार्च 2020 के निचले स्तर के बाद से बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स में 107% की वृद्धि हुई है, जबकि व्यापक सूचकांक बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप 197% तक की रैली के साथ आगे निकल गए हैं. इसलिए महज 17 महीने में तेज रैली के बाद कुछ गिरावट आने की संभावना है.
Groww द्वारा किए गए एक सर्वे से पता चला है कि लगभग 79.3% युवाओं ने महामारी के दौरान एक साल से भी कम समय पूर्व अपनी निवेश यात्रा शुरू की थी. यह भी पता चला है कि जब निवेश निर्णय लेने की बात आती है तो दोस्त और सहकर्मी सबसे अधिक 30.6% प्रभाव डालते हैं. इसके बाद समाचार 27.4% और सोशल मीडिया 23.4% प्रभाव डालता है. परिवार और निवेश एजेंट/सलाहकार क्रमशः 13.9% और 4.6% के साथ सबसे कम प्रभावशाली थे. निवेश के फैसले लेते समय दोस्तों और परिवार के सदस्यों के बजाय वित्तीय सलाहकारों से परामर्श लेना चाहिए.
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