उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनी एनवीडिया के साथ मिलकर भारत में कृत्रिम मेधा (एआई) पर आधारित सुपरकंप्यूटर बनाने की शुक्रवार को घोषणा की. दोनों कंपनियों ने एक बयान में कहा कि कंपनियां एआई ढांचा बनाने के लिए मिलकर काम करेंगी जो आज भारत के सबसे तेज सुपरकंप्यूटर से भी अधिक शक्तिशाली है. इस घोषणा से कुछ दिन पहले एनवीडिया के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जेनसेन हुआंग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी. वहीं दूसरी ओर रिलायंस के ऐलान के बाद ऐसी खबरें है कि टाटा समूह भी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में उतरने की तैयारी कर रहा है. टाटा समूह जल्द ही एनवीडिया के साथ साझेदारी की घोषणा कर सकता है.
2004 में एनवीडिया ने भारत में शुरू किया था परिचालन
एनवीडिया ने वर्ष 2004 में भारत में परिचालन शुरू किया था और यहां कंपनी के चार इंजीनियरिंग विकास केंद्र गुरुग्राम, हैदराबाद, पुणे और बेंगलुरु में हैं. इन केंद्रों में लगभग 3,800 कर्मी कार्यरत हैं. बयान में एनवीडिया ने कहा, “रिलायंस के साथ समझौता भारत का अपना बड़ा भाषा मॉडल विकसित करेगा जो देश की विविध भाषाओं पर प्रशिक्षित होगा और यहां जेनेरिक एआई अनुप्रयोगों के लिए तैयार किया जाएगा.
एनवीडिया सबसे उन्नत जीएच200 ग्रेस हॉपर सुपरचिप और क्लाउड में एक एआई सुपरकंप्यूटिंग सेवा डीजीएक्स क्लाउड तक पहुंच प्रदान करेगी. जीएच200 कंप्यूटिंग आर्किटेक्चर में एक मौलिक बदलाव का प्रतीक है जो असाधारण प्रदर्शन और बड़ी मेमोरी बैंडविड्थ प्रदान करता है. बयान में रिलायंस ने कहा कि एनवीडिया से लैस एआई ढांचा रिलायंस इंडस्ट्रीज की दूरसंचार इकाई रिलायंस जियो इन्फोकॉम के लिए एआई में नया विस्तार है.