FMCG सेक्टर में एंट्री करने की तैयारी कर रही रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने इस दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ा दिया है और उसके इस कदम से हो सकता है आगे Coca-Cola, Pepsi की नींद उड़ जाए. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने घरेलू सॉफ्ट ड्रिंक ब्रैंड Campa-Cola का अधिग्रहण कर लिया है. खबरों के मुताबिक रिलायंस ने दिल्ली की कंपनी Pure Drinks Group से 22 करोड़ रुपए में Campa-Cola ब्रैंड खरीदा है.
Campa-Cola ब्रैंड से लोगों में नॉस्टेलजिया उमड़ता है क्योंकि यह एक पुराना सॉफ्ट ड्रिंक ब्रैंड है जो 1970 में शुरू किया गया था. हालांकि इसे पॉपुलर होने में कुछ साल लगे, खासकर तब यह लोगों की पसंद बन गया, जब 1977 में तब की मोरारजी देसाई सरकार के कुछ रोक-टोक लगाने के बाद कोका-कोला ने भारत से एक्जिट कर दिया था. लेकिन बाद में कोका कोला की वापसी और पेप्सी की भारतीय बाजार में एंट्री के साथ कैंपा कोला ब्रैंड कहीं खो सा गया लेकिन अब कैंपा कोला एक नये रूप में एंट्री करने को तैयार है. रिलायंस एक नए अवतार में इस साल अक्टूबर में इसे लॉन्च कर सकती है यानी फ्रूटी के बाद कोई बड़ा घरेलू सॉफ्ट ड्रिंक ब्रैंड मार्केट में चमकता दिख सकता है.
Campa-Cola की बात आई है तो हम उन दूसरे घरेलू ब्रैंड्स की भी बात कर लेते हैं जो भारतीय सॉफ्ट ड्रिंक बाजार में एक समय राज कर रहे थे. उनमें से कुछ ब्रैंड अब भी सबसे ज्यादा बिकने वाले ब्रैंड्स बने हुए हैं लेकिन अब उनकी कमान विदेशी कंपनियों के हाथों में है. जैसे कि थम्स अप, लिम्का और माजा. ये सभी ब्रैंड भारतीय कंपनी पारले एग्रो के थे लेकिन 1993 में पारले ने इन्हें कोका-कोला को बेच दिया. उस समय भारतीय सॉफ्ट ड्रिंक बाजार में पारले की हिस्सेदारी करीब 85 फीसदी थी. थम्स उस समय भी बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाला सॉफ्ट ड्रिंक ब्रैंड था और अब भी यह सबसे ज्यादा बिकने वाले ब्रैंड्स में शामिल है.
रिलायंस अब कैंपा कोला के साथ शायद देश के अपने सॉफ्ट ड्रिंक ब्रैंड वाली बात प्रोमोट कर इस बाजार के डायनमिक्स बदल सकती है. रिलायंस के इस बाजार में एंट्री को लेकर इस वजह से भी हलचल है कि रिलायंस ने काफी लेट एंट्री के बाद भी कई सेगमेंट में लीडरशिप पोजिशन हासिल कर ली है. जैसे कि टेलीकॉम सेक्टर में जहां रिलायंस जियो इस समय देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन गई है. इसी तरह रिलायंस रिटेल Ajio नाम की एक ई-कॉमर्स फैशन साइट लेकर आया और अब यह सबसे बड़े रिटेल फैशन साइट्स में से एक बन गई है.
विशेषज्ञों का कहना है कि कैंपा कोला ब्रैंड के अधिग्रहण के बाद हो सकता है कि रिलायंस पूरी तरह से कोई नया ब्रैंड लॉन्च कर दे या फिर कैंपा कोला को ही नये रूप में पेश करे. हालांकि कोका-कोला और पेप्सी से लोहा लेना आसान नहीं है. दोनों ही कंपनियां मार्केटिंग पर अरबों रुपए खर्च करती हैं लेकिन रिलायंस के पास डिस्ट्रिब्यूशन का एक मजबूत नेटवर्क और मार्केट के समीकरण बदलने वाली प्राइसिंग स्ट्रैटजी है जिसे देखकर लगता है कि पेप्सी और कोका-कोला को मजबूत टक्कर मिलने वाली है. इसलिए कैंपा कोला ब्रैंड को स्थापित करने के लिए रिलायंस प्राइस कार्ड खेल सकती है यानी बाकी ब्रैंड्स से कम कीमत पर अपने ब्रैंड को पेश करना भारत सॉफ्ट ड्रिंक का एक बड़ा बाजार है.
इकोनॉमिक पॉलिसी थिंक टैंक ICRIER की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में नॉन एल्कोहलिक बेवरेज मार्केट 2019 में करीब 67,000 करोड़ रुपए का था और 2030 तक इसके बढ़कर 1,470 अरब डॉलर हो सकता है. इस समय बाजार में ड्ओपोली है यानी कोका-कोला और पेप्सी बाजार में बादशाह हैं, ऐसे में एक नई और बड़ी कंपनी के आने के साथ बाजार का हाल आगे क्या रहेगा, यह देखना दिलचस्प होगा.
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