रिलायंस रिटेल ग्रॉसरी बाइंग के लिए महीनों पहले लॉन्च किए गए अपने जियो ऐप (Jio App) को रिफर्बिश (refurbishing) करने जा रहा है. रिलायंस रिटेल ने हाल ही में जस्ट डायल (just dial) का टेक-ओवर (acquisition) किया है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार रिलायंस जस्ट डायल के फीचर्स सहित अन्य फीचर्स को अपने ऐप में ऐड कर इसे सुपर ऐप बनाना चाहता है. ताकि ग्राहकों के एक ही जगह पर ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मिल सके.
अधिकारियों ने ये भी कहा कि जैसे ही सरकार ई-कॉमर्स पॉलिसी पर स्पष्टता की घोषणा करेगी ऐप को लॉन्च कर दिया जाएगा. चीन में सबसे लोकप्रिय सोशल कॉमर्स प्लेटफॉर्म वीचैट की तर्ज पर ऐप को व्हाट्सएप के साथ भी इंटीग्रेट किया जाएगा. वीचैट के करीब एक बिलियन यूजर्स है. सुपर ऐप एक ऐसा मार्केटप्लेस है जहां सर्विस और ऑफरिंग्स को इन-हाउस टेक्नोलॉजी और थर्ड पार्टी इंटीग्रेशन के माध्यम से दिया जाता है. अलग-अलग सेवाओं के लिए अलग-अलग ऐप रखने की झंझटों को ये कम करता है.
इकोनॉमिक टाइम्स ने रिलायंस के अधिकारियों के हवाले से बताया, कॉन्ग्लोमरेट (conglomerate) (विभिन्न कंपनियों से मिलकर बनी एक बड़ी कंपनी) स्प्ष्ट है कि उसे प्रोडक्ट और सर्विसेज के स्पेस में ग्राहकों की हर संभव आवश्यकता को पूरा करना है. अधिकारी ने कहा, ‘सुपर ऐप सिर्फ एक फैंसी शब्द है. इसे जिस भी नाम से बुलाया जाए, यह ग्राहकों की हर एक जरूरत को पूरा करने के लिए है.
Jio ने यात्रा की शुरुआत टेलीकॉम के साथ की थी और अब इसे बढ़ाया जा रहा है.’ वहीं एक एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर इकोनॉमिक टाइम्स से कहा, ‘निर्देश स्पष्ट है कि रिलायंस को ई-कॉमर्स क्षेत्र में नंबर वन प्लेयर बनना है. इसे हासिल करने के लिए अधिग्रहण और पार्टनरशिप की लंबे समय से योजना बनाई गई है. हम उसी के अनुसार निवेश कर रहे हैं.
इस डेवलपमेंट से जुड़े एक टॉप अधिकारी ने कहा, वर्तमान में अमेज़न और वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट इस स्पेस को डॉमिनेट करते हैं. इसे देखते हुए रिलायंस अपनी रणनीति के तहत नंबर वन बनने के लिए अतिरिक्त कई हजार करोड़ का निवेश कर रहा है. कंसल्टिंग फर्म थर्ड आईसाइट के चीफ एग्जीक्यूटिव देवांग्शु दत्ता ने कहा, ‘रिलायंस, कम्युनिकेशन और रिटेल बिजनेस की ग्रोथ को लेकर आक्रामक रहा है. उनकी पार्टनरशिप और अधिग्रहण सुपर ऐप बनाने के उनके कदम के अनुरूप है. रिलायंस की योजना छोटे शहरों और कस्बों तक पहुंचने की है. अभी के समय में ज्यादातर ऑनलाइन बिजनेस बड़े शहरों के जरिए ही होता है.
मुकेश अंबानी का ग्रुप कुछ बेहतरीन ग्लोबल कंपनियों को रणनीतिक साझेदारों के रूप में आकर्षित करने में सक्षम रहा है. फेसबुक और गूगल ने जियो प्लेटफॉर्म्स में रणनीतिक हिस्सेदारी खरीदी है और कंपनी ने एसएमई ऑफरिंग्स और क्लाउड के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ कोलैबोरेट किया है. एक सेलुलर एनटीटी होने के अलावा, Jio ने अपने अम्ब्रेला ऐप MyJio के तहत 20 से अधिक कंज्यूमर ऐप बनाए हैं. रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने पिछले महीने ही जस्ट डायल में 3,497 करोड़ रुपये में मेजॉरिटी स्टेक हासिल किया है. मुकेश अंबानी ने हाल ही में ट्रायल बेसिस पर WhatsApp और JioMart के बीच इंटीग्रेशन के एक सेट की भी घोषणा की थी.
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