Refund: अक्सर लोग अपनी बैंक डीटेल्स गलत भर देते हैं या फिर किसी पुराने अकाउंट की जानकारी को रिवाइज नहीं करते, जिससे इनकम टैक्स रिफंड अटक जाता है. आपके रिटर्न फॉर्म में टैक्स और रिफंड में मिसमैच एक बड़ी वजह हो सकती है. हर टैक्सपेयर को अपनी बैंक डीटेल हमेशा क्रॉस चेक करनी चाहिए. ध्यान रहे कि आपका अकाउंट आपके आधार से लिंक्ड होना चाहिए. ये भी ख्याल रहे कि अगर आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से कोई इमेल आए तो उसका जवाब तुरंत दे. इसलिए एक्टिव इमेल ID शेयर करें. यहां हम आपको कुछ जरूरी जानकारी देने जा रहे हैं, जिन्हें ध्यान रखने की जरूरत है.
अगर आपने आईटीआर भरते वक्त रिफंड के लिए गलत बैंक अकाउंट डीटेल डाल दी हैं तो आपको रिफंड मिलने में देरी हो सकती है.
आयकर विभाग की तरफ से रिफंड सीधे करदाता के खाते में डाले जा रहे हैं, ऐसे में गलत जानकारी से नुकसान हो सकता है. साथ ही ये भी ध्यान रखें कि जिस बैंक अकाउंट की डीटेल आपने रिफंड के लिए दी है, वह पैन कार्ड के साथ लिंक होना चाहिए.
अगर आपका भी रिफंड नहीं मिला है तो एक बार फिर से अपने बैंक की जानकारी चेक करें और किसी भी तरह की गलती होने पर उसे सुधार लें, ताकि रिफंड आ सके.
इसके अलावा बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्होंने बैंक अकाउंट की जानकारी बिल्कुल सही डाली है, लेकिन उन्हें रिफंड नहीं मिला. इसकी एक बड़ी वजह ये भी हो सकती है कि आपने अपने बैंक खाते को प्रीवैलिडेट ना किया हो.
अगर ऐसा नहीं किया है तो अपनी प्रोफाइल सेटिंग में जाएं और वहां बैंक अकाउंट को प्रीवैलिडेट करने का विकल्प चुनें. वहां पर आपको बैंक अकाउंट नंबर, आईएसएससी कोड, मोबाइल नंबर और ईमेल आईटडी देनी पड़ सकती है.
बहुत सारे लोग आयकर रिटर्न भरने और उसे बैंक अकाउंट की जानकारियां डालने से लेकर खाते को प्रीवैलिडेट कराने तक के सारे काम सही से करते हैं, लेकिन अपनी आईटीआर वेरिफाई करना भूल जाते हैं.
आईटीआर फाइल करने की प्रक्रिया तब तक पूरी नहीं मानी जाती है, जब तक कि आप उसे वेरिफाई ना करा दें. अगर आपको भी रिफंड नहीं मिला है तो एक बार चेक कर लीजिए कि आपका रिटर्न वेरिफाई हुआ भी है या नहीं.
रिफंड तभी इश्यू होगा जब रिटर्न प्रोसेस होगा. आप www.incometaxefiling.com में जाकर अपने रिटर्न का स्टेटस देख सकते हैं.
आपको अपने PAN के ज़रिए लॉग इन करना होगा. फिर View e-Filed Return/Forms में जाकर चेक कर लें कि रिटर्न प्रोसेस हुआ या नहीं.
प्रोसेसिंग के बाद आपको सेक्शन 143 (1) इंटीमेशन के ज़रिए बताया जाएगा कि रिफंड की आपकी मांग से डिपार्टमेंट सहमत है या नहीं या इसे किसी पूरे डिमांड से एडजस्ट किया जाएगा.
अगर आप डिपार्टमेंट के आकलन से सहमत नहीं होंगे तो अपनी बात रख सकते हैं. एरर का भी लेटर आ सकता है, अगर कैलकुलेशन की कोई गलती नज़र आए.
इसमें आपको रेक्टिफिकेशन फाइल करना पड़ेगा. अगर आपको वेबसाइट पर पता चले कि रिटर्न की प्रोसेंसिंग नहीं हुई है, तो आप अपनी शिकायत www.incometaxefiling.com की वेबसाइट पर Contact Us में जाकर शिकायत के अनुसार हेल्पडेस्क चुनकर शिकायत कर सकते हैं. आपकी जानकारी के लिए नंबर्स नीचे दिए गए हैं.
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