भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 8 सितंबर को कहा कि उसने वृद्धिशील नकर आरक्षित अनुपात (इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेश्यो ICRR) को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने का फैसला किया है. जुलाई में आयोजित अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में RBI ने बैंकों के लिए 10 फीसदी ICRR की घोषणा की थी. इससे बैंकिंग क्षेत्र से करीब एक लाख करोड़ रुपए की तरलता कम हो गई. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि समीक्षा के दौरान यह निर्णय लिया गया है कि ICRR को चरणबद्ध तरीके से खत्म किया जाएगा.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि ICRR में जमा धन में से 25 फीसदी राशि को 9 सितंबर, 2023 को जारी किया जाएगा. इसके बाद अगला 25 फीसदी हिस्सा 23 सितंबर, 2023 को जारी होगा. ICRR में जमा शेष 50 फीसदी राशि को 7 अक्टूबर, 2023 को जारी किया जाएगा.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि आईसीआरआर के तहत जमा की गई राशि को चरणबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा ताकि सिस्टम की तरलता को अचानक झटका न लगे और मुद्रा बाजार व्यवस्थित तरीके से काम कर सके. 2000 रुपए के नोट वापस लेने की घोषणा के बाद बैंकिंग सिस्टम में अतिरिक्त तरलता आ गई थी. इस अतिरिक्त तरलता को कम करने के लिए RBI ने बैंकों के लिए 10 फीसदी ICRR की घोषणा की थी.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्तीय हित में आईसीआरआर को लागू करने का फैसला लिया गया था. मूल्य स्थिरता लाने और बैंकों के पास ऋण संचालन के लिए पर्याप्त तरलता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया था. दास ने कहा कि अत्यधिक तरलता के कारण वृद्धिशील सीआरआर को लागू करना आवश्यक हो गया था. वित्तीय और मूल्य स्थिरता के लिए इसे लागू करना जरूरी था. इससे मुद्रास्फीति पर भी प्रभाव पड़ा है. दास ने कहा कि यह पूरी तरह से अस्थायी उपाय था.
आरबीआई ने 19 मई को 2000 रुपए के नोट को वापस लेने की घोषणा की थी. लोगों को अपने 2000 रुपए के नोट जमा करने या बदलने के लिए 30 सितंबर, 2023 तक का समय दिया गया है. एक अगस्त को केंद्रीय बैंक ने बताया कि 3.14 लाख करोड़ रुपए मूल्य के 2000 रुपए के नोट वापस आ चुके हैं. केंद्रीय बैंक ने बताया कि 31 जुलाई तक बैंकिंग सिस्टम में मौजूद 2000 रुपए के नोटों में से करीब 88 फीसदी नोट वापस आ चुके हैं.