बढ़ती ब्याज दरों ने लोगों के लिए क़र्ज़ लेना दूभर कर दिया हो लेकिन इससे सरकार के ख़ज़ाने में जबदस्त इज़ाफ़ा होता दिख रहा है. इस वित्तवर्ष (FY24) में रिज़र्व बैंक से सरकार को 80,000 करोड़ रुपए की कमाई होने वाली है. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) की एक रिपोर्ट से इस बात की जानकारी मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक सरकार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रिजर्व बैंक से लाभांश के रूप में 70 से 80 हजार करोड़ रुपए मिल सकते हैं. बता दें सरकार ने चालू वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों और रिजर्व बैंक से लाभांश के रूप में 48 हजार करोड़ रुपये मिलने का बजट में अनुमान जाहिर किया.
पिछले साल के दौरान रिजर्व बैंक को कई जगह से अच्छी ख़ासी कमाई हुई. इसमें फॉरेन करेंसी की ट्रेडिंग से खूब मुनाफ़ा हुआ. इसके अलावा रेपो रेट बढ़ने के चलते घरेलू बैंकों से रिजर्व बैंक को ब्याज के रूप में ज्यादा रकम मिली. इसके चलते ही अब RBI सरकार को क़रीब 80,000 करोड़ रुपये का डिविडेंड दे सकता है.
बता दें इस साल आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल से फरवरी के बीच 206 अरब डॉलर मूल्य की विदेशी मुद्रा का रिकॉर्ड लेनदेन किया था. ये इससे पिछले वित्त वर्ष में महज 96 अरब डॉलर था. वहीं मई 2022 के बाद से रेपो रेट में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.केंद्रीय बैंक ने फरवरी 2023 में इसे आखिरी बार बढ़ाया था और अब इसकी दर 6.5 फीसदी है.
कैसे तय होता है डिविडेंड
RBI का डिविडेंड देने का फार्मूला 2019 में आया था. आरबीआई के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने अकाउंटिंग फ्रेमवर्क की सिफारिश की थी. इसके तहत विदेशी मुद्रा के लेनदेन की कॉस्ट को साप्ताहिक आधार की बजाय हिस्टोरिकल कॉस्ट के आधार पर तय होने लगी. मौजूदा समय में एक डॉलर खरीदने की हिस्टोरिकल कॉस्ट 63 रुपए है जबकि RBI मार्केट कॉस्ट पर डॉलर बेचता है.ये साल भर औसतन 80 रुपये पर बनी रही है. इस तरह विदेशी मुद्रा के लेनदेन से आरबीआई को 68,990 करोड़ का मुनाफा हुआ.