रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को क्रेडिट पॉलिसी ऐलान में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार रखा गया है और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर कायम रहेगी. हालांकि, RBI ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ अनुमान 10.5 फीसदी से घटाकर 9.5 फीसदी कर दिया है.
2 जून से 4 जून के बीच हुई मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक में सभी सदस्यों ने दरों में बदलाव ना करने के पक्ष में हामी भरी है. कमिटी ने एकोमोडेटिव स्टांस जारी रखने का फैसला लिया है.
ये लगातार छठी बार है जब रिजर्व बैंक ने दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.
रेपो रेट पहले की दरों पर बरकरार रहने से आपकी EMI भी पहली ही जैसे बनी रहेगी. रेपो रेट बढ़ने से बैंकों द्वारा कर्ज की दर बढ़ाने की आशंका रहती है और घटने से आपकी EMI भी घटने की उम्मीद रहती है. होम लोन पर जारी ब्याज दरें भी आगे जारी रहने का अनुमान है.
शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताते हुए कहा, “तूफान में पेड़ों की जड़ें मजबूत होती हैं. जितनी बड़ी चुनौती होगी, उतनी ही बड़ी उसपर जीत भी होगी.”
31 मई को जारी NSO के जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2021 में GDP में 7.3 फीसदी की गिरावट दिखाई गई है. वहीं चौथी तिमाही में 1.6 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है.
कोरोनी महामारी में गवर्नर ने म्यूटेंट और दूसरी लहर पर चिंता जताते हुए कहा कि गांवों में कोविड फैलने से दबाव का रिस्क बढ़ा है. उन्होंने कहा, “अर्थव्यवस्था पर सीमित असर रहने का अनुमान है. लोग और बिजनेस महामारी के बीच के माहौल में काम करने के नए नॉर्मल में ढल रहे हैं. वैक्सीनेशन में तेजी से इस लड़ाई को बल मिलेगा.”
दास के मुताबिक एक्सपोर्ट पर फोकस करने की जरूरत है. रूरल डिमांड अच्छे मॉनसून के चलते अच्छी रहने का अनुमान है. गांवों में कोविड फैलने से इसपर दबाव का जोखिम रहेगा.
RBI ने अनुमान जारी किया है कि वित्त वर्ष 2021-22 के बीच GDP ग्रोथ 9.5 फीसदी रहेगी. इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में ग्रोथ 7.9 फीसदी रहने का अनुमान है, तीसरी तिमाही में 7.2 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.6 फीसदी.
इससे पहले RBI ने 10.5 फीसदी के ग्रोथ का अनुमान दिया था जिसमें एक फीसदी की कटौती की गई है.
दास का कहना है कि वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में देखी गई 1.6 फीसदी की तेजी का रुझान इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में भी जारी रहेगी.
RBI ने कहा है कि अप्रैल में रिटेल महंगाई 4.3 फीसदी रहने से राहत मिली है. लेकिन वहीं, क्रूड की बढ़ती कीमतों से दबाव बढ़ सकता है. दास ने कहा है कि दूसरी लहर जारी रहने से महंगाई बढ़ सकती है.
रिटेल महंगाई (CPI) पर अनुमान जारी करते हुए शक्तिकांत दास ने कहा है कि वित्त वर्ष 2021-22 में CPI 5.1 फीसदी पर रहने का अनुमान है. पहली तिमाही में 5.1 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.7 फीसदी और जनवरी से मार्च 2022 की तिमाही में 5.3 फीसदी रहने का अनुमान है.
ऐसे सेक्टर जिनपर कोविड-19 की दूसरी लहर का असर सबसे ज्यादा रहा है उनके लिए RBI ने 15,000 करोड़ रुपये की लिक्विडिटी विंडो का ऐलान किया जिसे 31 मार्च 2020 तक खुला रखा जाएगा. इस कर्ज की अवधि 3 साल रहेगी.
इसके तहत होटल, टूरिज्म, हेरिटेज, एविएशन और एविएशन एंसिलरी सर्विसेस के लिए बैंक कर्ज दे पाएंगे. साथ ही, कार रिपेयर सर्विस, स्पा क्लीनिक, ब्यूटी पार्लर सेक्टर को भी ये राहत मिलेगी.
बैंक इसके बदले इस लोन बुक के साइज तक की रकम RBI के पास रिवर्स रेपो रेट से 40 बेसिस पॉइंट ज्यादा की दर पर जमा करवा सकेंगे.
RBI ने SIDBI के लिए 16,000 करोड़ रुपये की फंडिंग का ऐलान किया है. इसपर SIDBI अलग से जानकारी जारी करेगा.
रेजॉल्यूशन फ्रेमवर्क 2.0 के अंतर्गत छोटे व्यापारियों को राहत का ऐलान किया गया था. इसके तहत, कवरेज बढ़ाने का फैसला लिया गया है. इसका दायरा बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
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