रचित की बेटी लॉ करना करना चाहती है. एडमिशन के लिए दो लाख रुपए तुरंत चाहिए. रचित के पास निवेश के नाम पर सिर्फ पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी पीपीएफ खाता है. वो समझ नहीं पा रहे हैं कि पैसों का इंतजाम कैसे होगा? क्या पीएफ खाते से पैसे निकाल सकते हैं? आइए समझने की कोशिश करते हैं. पीपीएफ 15 साल में मैच्योर होने वाली स्कीम है. इसमें हर साल 1.5 लाख रुपए तक का निवेश कर सकते हैं. इस रकम पर धारा 80सी के तहत टैक्स में छूट का लाभ ले सकते हैं. मैच्योरिटी के समय मिलने वाली पूरी रकम टैक्स फ्री होती है. अभी इस योजना में सालाना 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. सरकार तिमाही आधार पर लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर की समीक्षा करती है. रिटायरमेंट के लिए यह अच्छी स्कीम है. इसमें तभी खाता खुलवाएं जब आप लंबी अवधि के निवेश के लिए तैयार हों. हालांकि इमर्जेंसी में पीपीएफ से पैसे निकाल सकते हैं.
कब निकाल सकते हैं पैसे? पीपीएफ रिटायरमेंट की स्कीम है इसलिए इस खाते में से शौक मौज के लिए पैसे नहीं निकाल सकते हैं. इसमें से सिर्फ इमर्जेंसी में ही निकासी की जा सकती है. इसके लिए भी आपको वाजिब कारण बताना होगा. पीपीएफ खाते में से बच्चों की पढ़ाई, घर खरीदने या फिर खुद या परिवार के किसी सदस्य की बीमारी के इलाज के लिए पैसे निकाल सकते हैं. यह सुविधा खाता खुलवाने के 6 साल के बाद यानी सातवें साल से मिलेगी. लेकिन पूरी रकम नहीं मिलेगी बल्कि पैसे निकाले जाने वाले साल के पहले चार साल के अंत में जितनी रकम होगी उसका 50 फीसद हिस्सा या फिर खाते में जमा कुल राशि का 50 फीसद. इन दोनों में से जो भी कम होगा वह राशि आपको मिल जाएगी.
उदाहरण के लिए रचित ने साल 2016-17 में PPF खाता खोला है तो वह 2022-23 के बाद बच्चे की पढ़ाई के लिए PPF से पैसे निकाल सकते हैं. साल 2022-23 के चार साल पहले यानी 2018-19 के वित्त वर्ष के आखिर में जो बैलेंस होगा उसका 50 फीसद या फिर 31 मार्च 2023 के आखिर में जो फंड जमा है उसका 50 फीसद. दोनों में जो भी कम होगा उतना पैसा निकाल पाएंगे.
समय से पहले कब बंद करा सकते PPF खाता? पीपीएफ में कुछ मामलों में खाते को पांच साल बाद बंद कराया जा सकता है. अगर खाताधारक खुद, जीवनसाथी या बच्चा किसी जानलेवा बीमारी से पीड़ित है तो इसके उपचार के लिए पूरी रकम निकाल कर पीपीएफ खाते को समय से पहले बंद करा सकते हैं. इसी तरह अगर खाताधारक या उसके बच्चों को हायर एजुकेशन के लिए पैसों की जरूरत है तो खाता बंद करा सकते हैं. अगर खाताधारक विदेश में जाकर बस रहा है यानी NRI बन गया है तो इस खाते को समय से पहले बंद कराया जा सकता है. समय पूर्व खाता बंद कराने पर खाता खुलने की तारीख से एक फीसद ब्याज की कटौती की जाएगी.
अगर पीपीएफ खाते की मैच्योरिटी से पहले खाताधारक की मृत्यु हो जाती है तो उसका नॉमिनी पैसा निकाल सकता है. ऐसे में खाते की 5 साल पूरे होने की शर्त भी खत्म हो जाती है. खाताधारक की मृत्यु के बाद उसका पीपीएफ अकाउंट बंद कर दिया जाएगा. पैसा नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी को दिया जाता है. इस तरह के खाते को आगे जारी नहीं रख सकते.
इस तरह रचित बिटिया की पढ़ा के लिए पीपीएफ खाते से मैच्योरिटी से पहले पैसे निकाल सकते हैं और उनका खाता भी चालू रहेगा. लेकिन उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा कि साल में केवल एक बार ही इस तरह विड्रॉल कर सकते हैं. यह रकम टैक्स फ्री होगी और इस पर कोई पेनाल्टी भी नहीं लगेगी.
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