गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को केंद्र और राज्यों की सरकार कई सहूलियतें मुहैया कराती हैं. केंद्र सरकार की योजना से ऐसी महिलाओं को 5,000 रुपये की आर्थिक मदद मिलती है, वहीं कुछ राज्यों में 6,000 रुपये से लेकर 18,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता देने की योजनाएं भी चल रही हैं.
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (PMMVY)
इसके तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को 5,000 रुपये दिए जाते हैं. ये पैसा सीधे बैंक खाते में जमा किया जाता है. लाभार्थी महिलाएं सरकारी या निजी अस्पताल में प्रसव करवा सकती हैं. स्कीम का फायदा उठाने के लिए महिला को अंतिम मेन्स्ट्रूअल पीरियड से 150 दिन के अंदर सरकारी हेल्थ सेन्टर्स में रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है.
किन्हें मिलता है लाभ?
सरकार ने काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिए और उनके उचित आराम, पोषण को सुनिश्चित करने के लिए ये योजना लागू की है.
हालांकि, इस योजना का लाभ उन महिलाओं को नहीं मिलता, जो
– केंद्रीय या राज्य सरकार या किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के साथ नियमित रोजगार में हैं.
– जो किसी अन्य योजना या कानून के तहत समान लाभ प्राप्तकर्ता हैं.
– जिनकी उम्र 19 साल से कम है.
– जिनके पास मदर-चाइल्ड प्रोटेक्शन (MCP) कार्ड नहीं है.
कब मिलते हैं 5,000 रूपये
केन्द्र सरकार सिर्फ पहली जीवित संतान के लिए तीन चरण में रुपये का भुगतान करती हैः
(1) 1,000 रुपये – गर्भवस्था के रजिस्ट्रेशन के समय
(2) 2,000 रुपये – गर्भवती महिला के छह महीने पूरे करने पर
(3) 2,000 रुपये – बच्चे का रजिस्ट्रेशन होने के बाद जब BCG, OPV, DPT और Hepatitis-B के सहित पहला टीका दिया जाता है.
कैसे करेंगे एप्लाई
– आंगनवाडी सेन्टर (AWC) और ASHA वर्कर से संपर्क करें.
– इन सेंटर्स से आपको फॉर्म भरने में मदद की जाएगी.
– योजना की ऑफिशियल वेबसाइट पर से भी अप्लाई कर सकते हैं.
– वेबसाइट पर दिऐ गए तीन फॉर्म भरकर आंगनवाडी वर्कर को जमा करवा दे.
किन राज्यों में मिलते हैं ऐसे लाभ?
अलग-अलग राज्यों में भी गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को भत्ता देने के लिए ऐसी ही योजनाएं चलाई जा रही हैं.
– गुजरातः कस्तूरबा पोषण योजना के तहत गुजरात सरकार 3 डिलीवरी के लिए सगर्भा महिलाओं को 6,000 रुपये की आर्थिक मदद देती है. इसके अलावा, चिरंजीवी योजना और बालसखा योजना भी लागू हैं. सगर्भा महिलाओं को अस्पताल तक ले जाने और घर छोड़ने के लिए खिलखिलाहट एंबुलेंस भी चलाई जाती है. कंस्ट्रक्शन काम से जुड़ी मजदूर महिलाओं को अलग से सहायता भी दी जाती है.
– कर्नाटकः मातृश्री स्कीम के तहत राज्य सरकार से 6,000 रुपये की रकम देती है.
– तमिलनाडुः गर्भवती महिलाओं को दो बच्चों के लिए 18,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिलती है. डॉ. मुथुलक्ष्मी मैटरनिटी बेनेफिट स्कीम के तहत आयरन टॉनिक और पोषण युक्त सप्लिमेंट्स मिलते हैं.
– बिहारः कन्या उत्थान योजना के तहत बेटी के जन्म पर 2,000 रुपये की मदद दी जाती है.
– मध्य प्रदेशः प्रसूति सहायता योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे आने वाले मजदुर परिवार की गर्भवती महिलाओं को ो 16,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.
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