बिजली मंत्रालय ने सेक्टर को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए नए नियम पेश किए हैं. इनके जरिए बिजली क्षेत्र से जुड़े स्टेकहोल्डर्स का फाइनेंशियल प्रेशर घटाने में मदद मिलेगी. साथ ही ऊर्जा उत्पादन की लागत की भरपाई भी जल्द की जा सकेगी.
मंत्रालय ने बिजली क्षेत्र में स्थिरता लाने और स्वच्छ ऊर्जा (clean energy) को बढ़ावा देने के लिए नए नियम लागू किए हैं. इनके जरिए देश में जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों को पूरा किया जा सकेगा.
मंत्रालय ने कहा है कि बिजली क्षेत्र के निवेशक और अन्य स्टेकहोल्डर लागत की भरपाई नहीं हो पाने, रिन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन में कमी जैसे मुद्दों को लेकर चिंतित हैं. इलेक्ट्रिसिटी एक्ट, 2003 के तहत जो नियम नोटिफाई किए गए हैं, वे उपभोक्ताओं और कंपनियों, दोनों के हित में हैं.
नए नियमों में बिजली (कानून में बदलाव की वजह से लागत की समय पर वसूली) नियम, 2021 शामिल है. दूसरा नियम बिजली (नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पादन को प्रोत्साहन) से जुड़ा है. मंत्रालय ने कहा कि कानून में बदलाव की वजह से लागत की जल्द वसूली में मदद मिलेगी. यह काफी महत्वपूर्ण है. बिजली क्षेत्र के लिए समय पर भुगतान मिलना बेहद जरूरी होता है.
रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय ने कहा है कि दुनियाभर में ऊर्जा के क्षेत्र में बदलाव हो रहे हैं. भारत भी इसी ओर बढ़ रहा है. देश ने वैश्विक स्तर पर 2022 तक 175 गीगावॉट और 2030 तक 450 गीगावॉट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता पहुंचाने का लक्ष्य रखा है.
मंत्रालय का मानना है कि नए नियमों से देश को रिन्यबएबल एनर्जी के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी. उपभोक्ताओं को ग्रीन और क्लीन एनर्जी उपलब्ध होगी. जिन पावर प्लांट का संचालन जरूरी है, उनपर बिजली उत्पादन या आपूर्ति में कटौती का नियमन लागू नहीं होगा.