डीजल सप्लाई के संकट से पंप बंद करने की कगार पर आए पंप डीलरों के लिए अच्छी खबर है. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड यानी आरआईएल और बीपी पीएलसी अपने डीलरों को राहत देने की तैयारी में है. तो राहत क्या होगी, इसे जान लेते हैं. दरअसल, आरआईएल और बीपी पीएलसी का अपने डीलरों को मुआवजा देने का प्लान है. लेकिन ऐसा क्या हुआ तो जो ऐसा प्लान करने पर मजबूर होना पड़ा.
तो बात ये है कि डीजल की बिक्री पर रोजाना 10-12 रुपये प्रति लीटर के नुकसान के कारण रिलायंस ने 16 मार्च को अपने डीलरों को ईधन की आपूर्ति लगभग आधी कर दी थी. आरआईएल ने अभी भी पूरी तरह से ईधन की आपूर्ति फिर से शुरू नहीं की है. हालांकि अब रिटेल आउटलेट्स को बंद करने से बचने के लिए आरआईएल कुछ विकल्पों पर विचार कर रही है.
जैसे कंपनी वित्तीय सहायता प्रदान कर सकती है या ओवरहेड खर्चों का भुगतान कर सकती है या ईंधन की आपूर्ति में भी बदलाव कर सकती है. हालांकि 2008 में आरआईएल ने कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और सरकार से सपोर्ट न मिलने के कारण डीलरों को मुआवजा दिया था.
रिलायंस ने डीजल पर 500 और पेट्रोल पर 400 रुपए प्रति किलोलीटर अतिरिक्त मार्जिन देने की पेशकश की थी. जिन डीलरों ने ईंधन की बिक्री बंद करने का फैसला किया था, उन्हें काम दोबारा शुरू करने में लगाई गई पूंजी पर 12.5 फीसदी का रिटर्न दिया गया.
कुछ डीलरों का तर्क है कि अगर मुआवजा योजना काम करती है, तो यह बहुत बड़ा समर्थन होगा. अब ये जानते हैं कि पेट्रोल और डीजल पर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को कितना नुकसान हो रहा है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 20 रुपये प्रति लीटर तक का नुकसान हो रहा है. 22 मार्च से 6 अप्रैल तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 14 बार बढ़ोतरी की गई.
अब ये भी जानते हैं कि आरआईएल और बीपी के देश भर में कितने पंप संचालित हो रहे हैं. तो देश भर में 1400 से अधिक पंप चल रहे हैं.