पेट्रोल-डीजल की कीमत (Petrol-Diesel Price) में कटौती को लेकर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इन-डायरेक्ट टैक्स में कटौती का सुझाव दिया है. इस समय पेट्रोल की रिटेल कीमत में 60 फीसदी हिस्सा टैक्स का होता है, जबकि डीजल में 54 फीसदी हिस्सा टैक्स का होता है. पेट्रोल की कीमत में बड़ा हिस्सा केंद्र द्वारा वसूली जाने वाली एक्साइज ड्यूटी और राज्य द्वारा वसूले जाने वाला VAT का होता है. पिछले कुछ समय से कीमत में लगातार इजाफा हो रहा है, जिसके कारण देश के कई शहरों में पेट्रोल 100 रुपए और डीजल 90 रुपए के पार बिक रहा है.
MPC minutes कार्यक्रम में बोलते हुए शक्तिकांत दास ने कहा कि दिसंबर महीने में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (फूड और फ्यूल छोड़कर) 5.5 फीसदी रहा है. कच्चे तेल की कीमत में लगातार उछाल आ रहा है जिसके कारण भी पेट्रोल और डीजल के रेट (Petrol-Diesel Price) में बढ़ोतरी हो रही है. कीमत में तेजी के कारण महंगाई दर पर असर हो रहा है. ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ गया है, जिसके कारण हर सेक्टर तक इसकी आंच पहुंच रही है.
सरकार को चाहिए पैसे इसलिए वसूली रही है टैक्स इससे पहले रविवार को पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने बढ़ती कीमत पर कहा कि तेल उत्पादक देशों ने उत्पादन में कटौती कर दिया है. इसके कारण तेल आयात करने वाले देशों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है. प्रधान ने साथ में यह भी कहा कि कोरोना के कारण सरकार का बजट काफी बढ़ गया है. आर्थिक सुधार में तेजी लाने के लिए सरकार ने निवेश बढ़ा दिया है, इसके अलावा कैपिटल स्पेंडिंग को भी 34 फीसदी बढ़ाया गया है. खर्च करने के लिए सरकार को पैसे की जरूरत होती है और इसलिए वह टैक्स कलेक्शन करती है. पेट्रोल डीजल पर केंद्र और राज्य दोनों टैक्स वसूलते हैं. राज्य सरकार भी इस समय खर्च बढ़ा रही है, जिसके कारण उसे भी ज्यादा टैक्स की जरूरत है.
पेट्रोल में 60 फीसदी केवल टैक्स उससे पहले शनिवार को निर्मला सीतारमण ने चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि पेट्रोल-डीजल के रेट को लेकर मैं खुद धर्म संकट में हूं. सीतारमण ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है जिसमें हर कोई एक जवाब सुनना चाहता है कि कीमत में कटौती की जाएगी. यह मामला केंद्र और राज्य दोनों से जुड़ा है, इसलिए दोनों सरकार को मिलकर इस बारे में सोचना चाहिए और समस्या का हल करना चाहिए. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि तेल उत्पादक देशों ने कहा है कि उत्पादन में अभी और कमी आने वाली है. इससे पेट्रोल की कीमत पर दबाव बढ़ेगा और कीमत में तेजी आएगी. वर्तमान में पेट्रोल की कीमत (रिटेल रेट) में 60 फीसदी और डीजल की कीमत में 54 फीसदी तक टैक्स होता है जिसमें केंद्र और राज्य दोनों का हिस्सा होता है.
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