पतंजलि समूह की कंपनी पतंजलि फूड्स के शेयरों में गुरुवार को 5 फीसदी का लोअर सर्किट लग गया. शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान ही पतंजलि फूड्स के शेयर टूटकर 1,166.65 रुपए पर पहुंच गए.
पतंजलि फूड्स ने 1,000 रुपए प्रति शेयर पर ऑफर फॉर सेल यानी OFS लॉन्च किया है. यह बुधवार को शेयर की बंद कीमत 1,228.05 रुपए से करीब 19 फीसद कम है. इसी वजह से गुरुवार को कारोबार की शुरुआत में ही पतंजलि फूड्स के शेयर टूट गए. निवेशकों को लगता है कि अगर यह शेयर अगर 1,000 रुपए पर बिक्री के लिए ओएफएस में मिल रहा है, तो इसे महंगी कीमत पर क्यों खरीदें?
क्या होता है OFS?
शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों के लिए अपनी कुछ अतिरिक्त हिस्सेदारी बेचने के कई रास्ते में, उनमें से ही एक ऑफर फॉर सेल या OFS भी है. ओएफएस का रास्ता तब अपनाया जाता है जब कंपनी कोई नया शेयर नहीं जारी करती बल्कि प्रमोटर्स अपनी मौजूदा हिस्सेदारी बेचते हैं. कंपनी में कम से कम 10 फीसद हिस्सेदारी रखने वाले प्रमोटर ही यह इश्यू ला सकते हैं. अक्सर इसके तहत शेयरों की कीमत बाजार भाव से कम रखी जाती है, ताकि निवेशक इसके लिए आकर्षित हों.
क्यों लाना पड़ा OFS?
सेबी के नियमों के अनुपालन के लिए पतंजलि को यह ओएफएस लाना पड़ा. नियम के मुताबिक किसी लिस्टेड कंपनी में प्रमोटर की हिस्सेदारी 75 फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती. पब्लिक शेयरहोल्डर्स यानी आम निवेशकों की हिस्सेदारी कम से कम 25 फीसदी होनी चाहिए.
छोटे निवेशकों को मिलेगा शेयर
इस ओएफएस के जरिए पतंजलि आयुर्वेद अपने 2.53 करोड़ शेयर बेच रही है. यह कंपनी की कुल पेडअप कैपिटल का 7 फीसद है. यह ओएफएस गुरुवार और शुक्रवार दोनों दिनों के लिए खुला रहेगा. लेकिन छोटे निवेशकों को यह 14 जुलाई यानी शुक्रवार को ही मिल पाएगा. इस बिक्री से पतंजलि आयुर्वेद को करीब 3,258 करोड़ रुपए हासिल होंगे.
जून 2023 के अंत तक प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप की पतंजलि फूड्स में करीब 80.8 फीसद हिस्सेदारी थी. इसमें से अगर पतंजलि आयुर्वेद की बात करें तो अकेले उसकी 39.37 फीसद हिस्सेदारी है.
गौरतलब है कि पतंजलि फूड्स पहले रुचि सोया इंडस्ट्रीज के नाम से जानी जाती थी. दिसंबर 2017 में पतंजलि ग्रुप ने इसे NCLT के इंसॉल्वेंसी प्रोसिडिंग्स के तहत खरीदा था.