पापड़ (papad) से जुड़े एक मामले में अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (AAR) की गुजरात बेंच का फैसला आया है. तलने वाले और भूने जाने वाले (जीरा, लाल मिर्च, हरी मिर्च, चावल और मूंग दाल जैसी किस्म के) पापड़ों को शून्य GST की श्रेणी में ही रखा जाएगा. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पापड़ों का उत्पादन करने वाले ग्लोबल गृह उद्योग ने उत्पाद के वर्गीकरण पर AAR से फैसले की मांग की थी. कुछ महीने पहले अथॉरिटी ने फ्रायम्स (fryums) को पापड़ नहीं मानते हुए 18% जीएसटी के अधीन रखा था.
AAR की बेंच ने क्या कहा
बेंच ने गौर किया कि पापड़ को हाथों से गोल आकार में बेलकर बनाया जाता था. आज टेक्नोलॉजी के साथ पारंपरिक पापड़ों की जगह नए-नए आकार के पापड़ों ने ली है. लेकिन जब तक सामग्री, निर्माण प्रक्रिया और उपयोग समान रहेगा, तब तक इन्हें पापड़ की श्रेणी HSN 19059040 में ही वर्गीकृत किया जाएगा.
वर्तमान में इस श्रेणी में GST शून्य है. आवेदक ने बताया था कि पापड़ एक भारतीय भोजन है, जो मुख्य रूप से आटे, मसाले, नमक और तेल जैसी सामग्री से तैयार किया जाता है. यह पका हुआ भोजन नहीं है. इसके अलावा, यह इंस्टेंट फूड भी नहीं है. उपभोक्ता को इसे खाने से पहले तलना या भूनना पड़ता है.
फ्राइम्स पर 18% का GST
यहां हम आपको ये भी बता दें कि कई महीने पहले सोनल प्रोडक्ट्स के मामले में गुजरात AAR बेंच ने फ्राइम्स (fryums) को पापड़ नहीं मानते हुए 18% जीएसटी के अधीन रखा था. इसे मैदे के साथ अन्य चीजें मिलाकर बनाया जाता है.
एक चार्टर्ड अकाउंटेंट ने कहा, ‘अतीत में हाईकोर्ट के कुछ फैसलों ने फ्राइम्स को पापड़ माना है. यहां तक कि अगर हम केवल हाल ही में AAR के फैसले पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो यह स्पष्ट है कि चूंकि फ्राईम भी आटे और मसालों को मिलाकर अलग-अलग आकार में बनाए जाते हैं, इसलिए इन्हें भी GST के शून्य दर के अधीन पापड़ के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए.’