भारत में जल्द ही नई नौकरियां आएंगी. मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियां अगले 6-12 महीने में 60 हजार नई भर्तियां करेंगी. भारत में 200 से ज्यादा मोबाइल बनाने वाली कंपनी है. हैंडसेट बनाने के मामले में भारत दूसरे नंबर पर हैं. भारत में इस साल लगभग 27-30 करोड़ स्मार्टफोन यूनिट का निर्माण होने की उम्मीद है. ऐसे में बढ़ती मांग को पूरा करने करने के लिए हैंडसेट बनाने वाली कंपनियां हायरिंग करेंगी.
1 लाख नौकरियों की उम्मीद
मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग डिपार्टमेंट में टीमलीज में 5 हजार नई भर्तियां खुली है और कई भर्तियां पाइपलाइन में हैं. CIEL HR सर्विसेज में 2000 जॉब ओपनिंग्स हैं. कंपनी के सीईओ का कहना है कि मांग बढ़ने के साथ उनके यहां हायरिंग भी बढ़ जाएगी. इन 60 हजार नौकरियों के अलावा स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनी अगले 12 से 24 महीनों में 80,000 से 100,000 और नौकरियां पैदा कर सकती हैं. दरअसल प्रमुख मोबाइल ब्रांड, उनके सप्लायर और असेंबली पार्टनर भारत में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करना चाहते हैं. मैनपावर की कमी को पूरा करने के लिए उन्हें नई हायरिंग करनी पड़ेगी.
इन राज्यों में मिलेगा रोजगार
आने वाले समय में एप्पल, Foxconn, Wistron, और Pegatron जैसे स्मार्टफोन निर्माताओं के साथ-साथ डिक्सन टेक्नोलॉजीज और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कंपनियों ने भारत में बड़े लेवल पर मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स लगाई हैं. बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए यह कंपनियां अगले साल तक हजारों की संख्या में डायरेक्ट जॉब पैदा कर सकती हैं. ज्यादातर भर्तियां दिल्ली-NCR, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में निकलेंगी.
सरकार दे रही बढ़ावा
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक वैश्विक स्तर पर यह मांग है कि मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी से चीन का दबदवा कम होना चाहिए. इसलिए भारत को इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट के मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनाने पर जोर दिया जा रहा है. घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने भी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम चलाई है. इसका उद्देश्य मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग और असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग और पैकेजिंग (ATMP) यूनिट समेत इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स में बड़े निवेश को आकर्षित करने है.