Olympic 2020: भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने गुरुवार 5 अगस्त को इतिहास रच दिया. टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जर्मनी को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है. भारत ने 1980 के बाद पहली बार ओलंपिक में कोई मेडल अपने नाम किया है. सिमरनजीत सिंह के दो गोल की बदौलत भारत ने दो बार पिछड़ने के बाद जोरदार वापसी करते हुए प्ले ऑफ मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराकर ओलंपिक में 41 साल बाद ब्रॉन्ज मेडल जीता है. भारत के लिए सिमरनजीत सिंह (17वें मिनट और 34वें मिनट) ने दो जबकि हार्दिक सिंह (27वें मिनट), हरमनप्रीत सिंह (29वें मिनट) और रुपिंदर पाल सिंह ने एक-एक गोल किया.
भारत की तरफ से दो गोल दागने वाले सिमरनजीत सिंह की कहानी
सिमरनजीत के चचेरे भाई गुरजंत सिंह भी फेमस हॉकी प्लेयर हैं. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के मझोला कस्बे में रहने वाले भारतीय हॉकी टीम के मिडफील्डर सिमरनजीत सिंह टोक्यो ओलंपिक में कमाल कर दिखाया है. सिमरनजीत जालंधर की सुरजीत हॉकी अकादमी से ट्रेनिंग ले चुके हैं और यहीं से उन्होंने प्रोफेशनल हॉकी खेलना शुरू किया. पांच साल तक कोचिंग लेने के बाद सिमरनजीत का चयन जूनियर वर्ल्ड कप के लिए हो गया था. सिमरनजीत का परिवार पहले पंजाब के बटाला के गांव चाहर कलां में रहता था. अब सिमरनजीत और उनका परिवार मझोला कस्बे के रहता है. शुरुआती पढ़ाई पीलीभीत मेंंकरने के बाद वह पंजाब आ गए और यहीं से हॉकी की ट्रेनिंग लेने लगे.
ऐसे मिलता गया मौका
सिमरनजीत लखनऊ में आयोजित 2016 पुरुष हॉकी जूनियर वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतने वाली टीम का हिस्सा थे. वहीं वह भारत की ए टीम का भी हिस्सा थे, जो सितंबर 2018 में ऑस्ट्रेलियाई हॉकी लीग में खेली थी. लीग के बाद उन्हें भारतीय टीम में भी शामिल किया गया था. 2018 में भुवनेश्वर में सीनियर वर्ल्ड कप में उन्होंने भाग लिया और इसके बाद उन्हें टोक्यो ओलंपिक में खेलने का मौका मिला.