सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक, ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन, टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट, ओटीटी कंटेंट प्लेयर नेटफ्लिक्स और जाने-माने इंटरनेट सर्च इंजन गूगल जैसी अमेरिकी कंपनियों ने हमारे जीवन को आसान, आरामदायक, सुगम और आकर्षक बनाया हुआ है. इसकी काफी अधिक संभावना है कि आप भी इन कंपनियों की सेवाओं का उपयोग कर रहे होंगे. क्या आप भारत में बैठे हुए ही इन कंपनियों में हिस्सेदारी पाना चाहेंगे?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज ने घोषणा की है कि जल्द ही एनएसई आईएफएससी प्लेटफॉर्म के माध्यम से चुनिंदा अमेरिकी शेयरों में ट्रेडिंग की सुविधा दी जाएगी. ऐसे समय में जब वैश्विक इक्विटी बाजार अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर पर ट्रेड कर रहे हैं, एक्सचेंज द्वारा उठाया गया यह कदम निवेशकों को मौजूदा बुल रन का फायदा उठाने में मदद करेगा.
इससे निवेशकों को अपने इक्विटी पोर्टफोलियो में अपनी पसंद के अमेरिकी शेयरों को शामिल करके अपने इक्विटी पोर्टफोलियो में विविधता लाने में मदद मिलेगी. वर्तमान में, आप इन शेयरों का एक्सपोजर फंड्स ऑफ फंड्स या चुनिंदा निजी ब्रोकर्स के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं, जिनके पास यूएस और भारतीय नियामकों से अनुमति है, यह पहली बार है जब देश का कोई प्रमुख एक्सचेंज आपको अमेरिकी शेयरों में निवेश करने का मौका दे रहा है.
एक भारतीय नागरिक भारतीय रिजर्व बैंक के एलआरएस ढांचे (यह भारतीय नागरिक को किसी भी अनुमत चालू या पूंजी खाता लेनदेन के लिए प्रति वित्त वर्ष $ 2,50,000 तक प्रेषण करने की अनुमति देता है) के तहत अमेरिकी शेयरों में निवेश कर सकता है. अब एक्सचेंज भी इस तरह की सुविधा प्रदान करेगा. निजी कंपनियों के पास यह सुविधा पहले से ही उपलब्ध है.
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि निजी कंपनियों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की तुलना में यह सुविधा कितनी किफायती होगी. हमारा मानना है कि एक्सचेंज द्वारा लिया गया निर्णय निवेशकों के साथ-साथ एक्सचेंज दोनों के लिए फायदेमंद है.