जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने मंगलवार को कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर और उसकी रोकथाम के लिये स्थानीय स्तर पर लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के प्रभाव का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 2021-22 के लिये भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर (GDP Growth Rate) के अनुमान को घटाकर 10.8 प्रतिशत कर दिया. पूर्व में उसने 12.6 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान जताया गया था.
नोमुरा ने कहा कि उसके आकलन के तहत गतिविधियों का स्तर नौ मई को समाप्त सप्ताह में महामारी पूर्व स्तर के 64.5 प्रतिशत पर पहुंच गया है. इस सप्ताह इसमें 5 प्रतिशत की और गिरावट आयी है. गतिविधियों का स्तर फिलहाल जून 2020 के स्तर के बराबर है.
देश में कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिये 20 से अधिक राज्यों ने ‘लॉकडाउन’ और अन्य पाबंदियां लगायी हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मंगलवार को सुबह जारी आंकड़े के अनुसार पिछले 24 घंटे में देश में कोविड-19 के 3.29 लाख मामले सामने आए जबकि संक्रमण के कारण 3,876 लोगों की मौत हो गयी.
ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि जीडीपी वृद्धि दर (GDP Growth Rate) के अनुमान में कमी का कारण ‘लॉकडाउन’ की वजह से जून तिमाही में होने वाला नुकसान है.
उसने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि स्थानीय स्तर पर ‘लॉकडाउन’ से दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) पर असर पड़ेगा…’’ हालांकि, मध्यम अवधि में वैश्विक पुनरूद्धार, सुगम वित्तीय स्थिति जैसी चीजें अभी बरकरार हैं.
आधिकारिक रूप से वित्त वर्ष 2020-21 में पिछले साल लगाये गये ‘लॉकडाउन’ के कारण अर्थव्यवस्था में 7.6 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने तुलनात्मक आधार कमजोर रहने से 2021-22 में आर्थिक वृद्धि दर (GDP Growth Rate) 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है. वहीं कुछ विश्लेषकों ने आगाह करते हुए कहा है कि अगर दूसरी लहर जून में चरम पर पहुंचती है तो वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत तक आ सकती है.
ब्रोकरेज कंपनी के अनुसार ‘लॉकडाउन’ के कारण गतिविधियां धीमी पड़ी हैं. गूगल का कार्यस्थल और खुदरा तथा मनोरंजन के लिये गतिशीलता सूचकांक 10 प्रतिशत कम हुआ है. साप्ताहिक आधार पर बिजली मांग में 4.1 प्रतिशत की कमी आयी. श्रम भागीदारी दर पिछले सप्ताह के 38.9 प्रतिशत से बढ़कर 41.3 प्रतिशत पर हो गयी है.
‘नोमुरा इंडिया बिजनेस रिजम्पशन इंडेक्स’ (एनआईबीआरआई) में उल्लेखनीय गिरावट यह संकेत देता है कि विभिन्न राज्यों में ‘लॉकडाउन’ से तिमाही दर तिमाही आधार पर वृद्धि दर पर असर पड़ेगा.
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