उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यमुना अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को 1,334 हेक्टेयर जमीन सौंपे जाने के ठीक एक सप्ताह बाद, कंपनी ने 10 अगस्त को नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के लिए वित्तीय समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. कंपनी ने अपने एक बयान में कहा कि यमुना अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक से कर्ज के रूप में 3,725 करोड़ रुपये लिए हैं, जिसे 20 साल की अवधि में चुकाया जाना है. कंपनी के मुताबिक इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य अब जल्द ही शुरू हो जाएगा. पिछले हफ्ते, नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने यमुना अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सौंपे गए जगह के चारों ओर एक चारदीवारी बनाने की अनुमति दी थी.
यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट, ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल की एक सहायक कंपनी है, जो स्विस कंपनी है जो एयरपोर्ट का निर्माण विकास कार्य करेगी. इस प्रोजेक्ट को 65:35 के अनुपात पर वित्त पोषित ( (debt-to-equity) किया जा रहा है. ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकास में इक्विटी के रूप में 2,005 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है.
जुलाई महीने के आखिर में यूपी की योगी सरकार ने यमुना अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के साथ एक लाइसेंस समझौते पर हस्ताक्षर किया. इस हस्ताक्षर के बाद जेवर में बनने वाले 30,000 करोड़ रुपये के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए भूमि के हस्तांतरण को औपचारिक रूप दे दिया गया.
सार्वजनिक-निजी भागीदारी (public-private partnership) मॉडल के तहत, ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को प्रोजेक्ट को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और फिर सरकार को हस्तांतरित करने के लिए 40 साल का समय मिलेगा. एयरपोर्ट को 2024 में दो रनवे के साथ शुरू होने की संभावना है. इस एयरपोर्ट का विस्तार पांच रनवे तक होगा. निर्माण कार्य को लेकर तकरीबन सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. सरकारी सूत्रों के मुताबिक अगस्त के तीसरे हफ्ते में प्रधानमंत्री मोदी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास कर सकते हैं.
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