सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए बड़ा कदम उठाने की योजना बनाई है. डीजल वाहनों के बदले पर्यावरण हितैषी वाहनों को बढ़ावा देने के लिए डीजल वाहनों पर अतिरिक्त टैक्स लगाने की योजना है. गडकरी ने कहा कि डीजल इंजन वाहनों पर अतिरिक्त 10 फीसदी जीएसटी लगाने का प्रस्ताव उनके मंत्रालय ने तैयार किया है. इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय के सामने एक-दो दिन में पेश किया जाएगा.
सियाम के 63वें वार्षिक सम्मेलन में नितिन गडकरी ने कहा कि देश में डीजल वाहनों के इस्तेमाल को सीमित करने का केवल यही एक तरीका है. इसलिए डीजल वाहनों पर पॉल्यूशन टैक्स लगाने का फैसला लिया गया है. अतिरिक्त टैक्स की मदद से डीजल वाहनों की बिक्री को कम करने में मदद मिलेगी.
गडकरी ने कहा कि वाहन उद्योग से वो डीजल वाहनों का उत्पादन कम करने के लिए आग्रह करेंगे. अगर डीजल वाहनों की बिक्री नहीं घटी तब मजबूरी में अतिरिक्त टैक्स लगाना मजबूरी होगा. गडकरी ने कहा कि मैं डीजल वाहनों का उत्पादन घटाने का आग्रह कर रहा हूं. अगर उद्योग अपना उत्पादन नहीं घटाएगा, तब हम टैक्स को बढ़ा देंगे. डीजल वाहनों पर टैक्स इतना ज्यादा बढ़ाया जाएगा, जिससे उद्योग को इन्हें बेचना मुश्किल हो जाएगा.
2014 में जब ईंधन को सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया गया था, तब से डीजल की कीमत बढ़ने से डीजल वाहनों की बिक्री लगातार घट रही है. वित्त वर्ष 2013-14 में कुल बिकने वाले वाहनों में डीजल वाहनों की हिस्सेदारी 53 फीसदी थी, जो वित्त वर्ष 2022-23 में घटकर 18 फीसदी रह गई.
गडकरी ने कहा कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने पर काम करना चाहिए. जैव र्इंधन वाहन प्रदूषण को कम कर सकता है और कच्चे तेल के आयात पर होने वाले खर्च को भी घटाने में मदद कर सकता है.
हालांकि, डीजल वाहनों पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैक्स लगाने से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की ओवरऑल बिक्री पर असर पड़ेगा, क्योंकि भारत में बिकने वाले सभी कमर्शियल वाहन डीजल पर ही चलते हैं.