आर्थिक संकट में निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी गो फर्स्ट (Go First) को राहत मिल गई है. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) ने कंपनी की दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू करने के अनुरोध वाली याचिका को स्वीकार कर लिया है. एनसीएलटी ने गो फर्स्ट के परिचालन के लिए अभिलाष लाल को अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया है. एनसीएलटी की इस पहल से कंपनी को बड़ी राहत मिली है. बता दें कि गो फर्स्ट ने माली हालत खराब होने पर स्वेच्छा से दिवालिया होने की अर्जी दायर की थी. इस अर्जी पर बुधवार को सुनवाई करते हुए एनसीएलटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रामलिंग सुधाकर तथा एलएन गुप्ता की पीठ ने कर्ज में फंसी कंपनी को चलाने के लिए अभिलाष लाल को अंतरिम पेशेवर नियुक्त किया है.
एनसीएलटी में दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू होने से कंपनी को बैंकों और अन्य संस्थानों का कर्ज चुकाने में राहत मिल जाएगी. कंपनी के लिए नियुक्त समाधान पेशेवर अभिलाष लाल एयरलाइन का परिचालन फिर से बहाल करने के प्रयास करेंगे. एनसीएलटी की इस पहल से कंपनी से जुड़े कर्मचारी, बुकिंग एजेंट और कर्ज लेने वाले संस्थानों को भी बड़ी राहत मिली है.
पीठ ने कंपनी को किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से संरक्षण भी दिया और ऋण शोधन कार्यवाही के दौरान उसे चलाने के लिए निलंबित निदेशक मंडल से समाधान पेशेवर सहयोग को कहा है. कंपनी को डूबने से बचाने के लिए एनसीएलटी ने कंपनी को परिचालन में बनाए रखने और वित्तीय बाध्यताओं को पूरा करने के साथ कर्मचारियों की छंटनी नहीं करने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि एनसीएलटी ने वाडिया समूह की एयरलाइन तथा विमान पट्टे पर देने वाली इकाइयों की दलीलों को सुनने के बाद चार मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियों ने याचिका का विरोध करते हुए अंतरिम सरंक्षण देने का आग्रह किया था.
11,463 करोड़ रुपए की देनदारी
एयरलाइन ने वित्तीय संकट के बीच तीन मई से उड़ानों का परिचालन रोक दिया. प्रैट एंड व्हिटनी से इंजन आपूर्ति नहीं होने के कारण कंपनी के बेड़े में शामिल आधे से अधिक विमान उड़ान नहीं भर पा रहे थे. एयरलाइन पर बैंकों व अन्य संस्थानों की कुल 11,463 करोड़ रुपए की देनदारी है. कंपनी पहले ही 15 मई तक टिकट की बुकिंग बंद कर चुकी है.