प्रशांत क्षेत्र में बाहरी दबदबे कम करना है उद्देश्य
इंडो-पैसिफिक में आक्रामक और विस्तारवादी चीन के लिए रणनीतिक चुनौती बने मालाबार नौसैन्य अभ्यास के दो चरणों के बीच कई सैन्य और गैर-सैन्य समझौते भी हुए हैं.
सबसे पहले अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच नए त्रिपक्षीय ओकुस (एयूकेयूएस) सैन्य समझौते की घोषणा 15 सितंबर को की गई थी, जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया धीरे-धीरे पारंपरिक हथियारों और अन्य लड़ाकू क्षमताओं के साथ कम से कम आठ परमाणु-संचालित पनडुब्बियों का अधिग्रहण करेगा ताकि भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते नौसैनिक दबदबे का मुकाबला किया जा सके.
क्वाड का पहला इन-पर्सन शिखर सम्मेलन 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में हुआ
इसके बाद क्वाड समूह के देशों का पहला इन-पर्सन शिखर सम्मेलन 24 सितंबर को व्हाइट हाउस में हुआ, जिसमें चीन को 5जी से लेकर सेमीकंडक्टर्स तक के उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कुछ नई पहलों के साथ मुकाबला करने के लिए नई पहल की गई.
हालांकि ओकुस समझौते को लेकर इस बात की भी चिंता है कि यह समझौता अंततः इंडो-पैसिफिक में क्वाड की रणनीतिक ऊंचाई को कम न कर दे.
टेलीफोनिक वार्ता में 20 सितम्बर को अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आश्वासन दिया है कि अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच त्रिपक्षीय समझौता भारत के साथ द्विपक्षीय या चतुष्पक्षीय सहयोग से अलग नहीं होगा.
अमेरिका और भारत के रिश्ते हो रहे हैं मजबूत
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा के बाद अब वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों की भारत यात्रा का सिलसिला तेज़ हो गया है.
अमेरिकी विदेश विभाग में उप विदेश मंत्री वैंडी शरमन के बाद अब अमेरिका के नौसेना प्रमुख एडमिरल माइक गिल्डे अगले हफ्ते भारत आ रहे हैं.
उन्होंने नई दिल्ली की अपनी यात्रा से पहले कहा कि भारत हमारे सबसे करीबी रणनीतिक साझेदारों में से एक है और हमारा संबंध एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत का गढ़ है.
उन्होंने समावेशी, स्वतंत्र और खुले नियम-आधारित आदेश बनाने के लिए हिंद-प्रशांत में अमेरिकी नौसेनाओं को सहयोग देने के लिए भारत का आभार भी जताया.
भारत हर देश के साथ बढ़ा रहा है सैन्य सहयोग
मालाबार के दो चरणों के बीच भारत ने सितंबर में ऑस्ट्रेलिया के साथ ‘ऑसइंडेक्स’ और इस महीने की शुरुआत में जापान के साथ ‘जिमेक्स’ द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास किया, ताकि इंटरऑपरेबिलिटी को और बढ़ावा दिया जा सके.
30 सितम्बर को भारतीय नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए आपसी सहयोग को और बढ़ाने के उद्देश्य से बातचीत के लिए अपनी तरह के पहले समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
मालाबार का दूसरा चरण इस साल अपने 25वें संस्करण में है, जिसमें सतह-विरोधी, हवा-विरोधी और पनडुब्बी-रोधी अभ्यास शामिल हैं.