मनुष्य का जन्म किसी विशाल, अदृश्य आर्थिक मशीन के छोट, कम जरूरी पुर्जे की तरह नहीं हुआ था. मगर दुख की बात है कि आज वह इतना ही बनकर रह गया है. वह भी आधुनिक दुनिया पर अर्थव्यवस्था, कारोबार, व्यापार के प्रभाव के कारण ऐसा खास तौर पर हुआ है. इन सबके बीच साइबरसिक्योरिटी क्षेत्र की कंपनी TAC ने हफ्ते में चार दिन काम और तीन दिन छुट्टी की प्रणाली को अपना लिया है.
कंपनी का मुंबई ऑफिस बीते सात महीनों से शुक्रवार को बंद रह रहा है. इसके लिए उसने एक इंटर्नल सर्वे किया था, जिसमें हर पांच में से चार एंप्लॉयीज ने तीन दिन छुट्टी पाने के लिए बाकी चार दिन लंबी शिफ्ट में काम करने की इच्छा जाहिर की थी. अगर उसके इस एक्सपेरिमेंट के नतीजे अच्छे रहे, तो TAC इसे पॉलिसी का रूप दे देगी.
प्रतिस्तपर्धा वाले माहौल में करने और मैनेजर के आधी रात आए वॉट्सऐप मैसेज का अर्ली रिस्पॉन्स देने के बीच कइयों को तीन दिन की शांति पसंद आने वाली है. हालांकि, जिनके वर्कप्लेस उतने भी बुरे नहीं हैं, हो सकता है कि वे भी इसके प्रभाव को देखते हुए आगे आएं.
चार दिन काम करने का तरीका कई देशों में प्रचलित होता जा रहा है. माइक्रोसॉफ्ट के जापान के ऑफिस ने इस मॉडल को अपनाकर 2019 में प्रॉडक्टिविटी में 40 प्रतिशत वृद्धि देखी. न्यूजीलैंड की एस्टेट प्लानिंग कंपनी परपीचुअल गार्जियन ने इसके दम पर 2018 में 20 फीसदी बेहतर प्रॉडक्टिविटी देखी.
यूनिलीवर की न्यूजीलैंड की इकाई ने दिसंबर 2020 में घोषणा की थी कि वह चार दिन काम करने के मॉडल का एक साल का ट्रायल शुरू कर रही है. काम करने का जुनून रखने के लिए मशहूर जापान अपनी एनुअल इकनॉमिक पॉलिसी गाइडलाइन में कर्मचारियों को चार दिन वाली प्रणाली अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.
हफ्ते में चार दिन काम करने की यह प्रणाली वैसे बहुत नई नहीं है. अमेरिकी वाइस प्रेसिडेंट रिचर्ड निक्सन ने 1950 के दशक में कहा था कि काम करने का यह तरीका बहुत जल्द आम तरीका बन जाएगा.
यहां इस बात को ध्यान में रखना होगा कि जो कंपनियां सिर्फ आउटपुट पर जोर देती हैं और समय पर नहीं, वे ही ऐसा कदम उठाने की हिम्मत दिखा सकती हैं. यूनिलीवर न्यूजीलैंड के मैनेजिंग डायरेक्टर का कहना है कि नया शेड्यूल इस बात की ओर संकेत करता है कि एंप्लॉयीज की तरफ कंपनियों का नजरिया बदल रहा है.
कॉरपोरेट इंडिया ने बड़े बदलाव हो रहे हैं. टेक्नोक्रैट और युवा उद्यमी अपने बिजनेस वेंचर लॉन्च कर रहे हैं, जिससे ऐसा हो रहा है. ज्यादातर लोगों में बिजनेस लीडर होने का जज्बा होता है. इनको चार दिन काम करने की प्रणाली को अपनाकर देश के आर्थिक इतिहास पर अपनी छाप छोड़नी चाहिए.
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