कृषि के हर क्षेत्र में देश को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं. इसी क्रम में दलहन व तिलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार (Modi Government) द्वारा सार्थक प्रयास भी किए जा रहे हैं. इस सिलसिले में केंद्र सरकार (Modi Government) का ‘बीज मिनी किट’ नामक कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है. बताना चाहेंगे, यह दलहन व तिलहन की नई किस्मों के अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की आपूर्ति करके, बीज प्रतिस्थापन अनुपात को बढ़ाने के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम है.
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Modi Government) के नेतृत्व में सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार 300 करोड़ रुपए खर्च कर 15 जून तक 13.51 लाख मिनी किट मुफ्त वितरित करेगी.
आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र-राज्य मिलकर कर रहे हैं काम कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि दलहन व तिलहन के उत्पादन को बढ़ाकर इस संबंध में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र ने राज्य सरकारों के साथ विचार-विमर्श के बाद एक रोडमैप बनाया है. इस पर आगे चलते हुए निश्चित ही बहुत फायदा होगा और इनमें आत्मनिर्भर होने से आयात पर खर्च होने वाली बड़ी मुद्रा भी बच सकेगी, जो देश में विकास के अन्य कार्यों में उपयोग हो सकती है. रकबा बढ़ाने के लिए क्षेत्रों की पहचान की गई है व नई किस्मों के अवरोध को भी पार कर लिया गया है.
आगे उन्होंने कहा कि हमारे किसानों की ताकत ऐसी ही बनी रहनी चाहिए, जो प्रतिकूल परिस्थितियों में भी देश को अपने कंधों पर खड़ा रखने का माद्दा रखते हैं. कृषि प्रधान हमारे देश में कृषि व ग्रामीण अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी ताकत हैं, यह बढ़ती रहे, तो निश्चित रूप से देश की बुनियाद को और मजबूत होने से कोई रोक नहीं सकता. इसलिए, प्रधानमंत्री भी लगातार गांव-गरीब-किसान की स्थितियों में बदलाव लाने पर बल देते रहते हैं. आत्मनिर्भर भारत के पीएम के आह्वान में भी इन्हीं पर जोर रहा है.
इस दौरान केंद्रीय मंत्री (Modi Government) ने भी कहा कि कृषि से जुड़कर काम करना देश की बड़ी सेवा है. आज किसान के परिश्रम, वैज्ञानिकों के अनुसंधान व सरकार की कृषि हितैषी नीतियों का संयुक्त परिणाम है कि कृषि उत्पादन की दृष्टि से दुनिया में भारत पहले या दूसरे नंबर पर है, लेकिन हमें निर्यात और बढ़ाने की जरूरत है. खेती के विकास को लेकर समग्र, संतुलित व दूरगामी विचार एक साथ करना आवश्यक है. देश में खेती के प्रति रुचि व रकबा बनाए रखना व इसे बढ़ाना भी जरूरी है.
प्रधानमंत्री द्वारा इस दिशा में योजनाएं शुरू की गई है व गैप भरने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं. गरीब-छोटे किसानों की ताकत बढ़ाने के लिए एफपीओ का नया संसार सृजित किया जा रहा है. ऐसी अनेक सतत योजनाएं फलीभूत हो रही हैं.
वहीं कार्यक्रम में राज्य मंत्री रूपाला ने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने में बीज बहुत अहमियत रखता है. उन्होंने विश्वास जताया कि बीज मिनी किट वितरण के माध्यम से दलहन-तिलहन के क्षेत्र व उत्पादकता बढ़ाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा. निगरानी तंत्र के माध्यम से यह कार्यक्रम निश्चित सफल होगा.
(प्रसार भारती न्यूज सर्विस)
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