देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India – MSI) ने सितंबर के उत्पादन में 51 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की. कंपनी का कहना है कि सेमीकंडक्टर चिप की शॉर्टेज के चलते ऐसा हुआ.
रेगुलेटरी फाइलिंग में कंपनी में बताया कि सितंबर 2021 में उसका कुल उत्पादन 81,278 यूनिट का रहा. सितंबर 2020 में उसने कुल 1,66,086 यूनिट का उत्पादन किया था.
मारुति सुजुकी ने कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट की कमी होने की वजह से बीते महीने में कंपनी के प्रॉडक्शन वॉल्यूम पर असर पड़ा.’
MSI ने कहा कि सितंबर में उसने कुल 77,782 पैसेंजर व्हीकल तैयार किए. जबकि सालभर पहले इसी माह में कंपनी ने इनकी 1,61,668 यूनिट तैयार की थीं. ऑल्टो और एस-प्रेसो जैसी छोटी गाड़ियों का उत्पादन 17,163 यूनिट रहा, जो सालभर पहले 30,492 यूनिट था.
इसी तरह वैगनआर, सिलेरियो, इग्निस, स्विफ्ट, बलेनो और डिजायर जैसी कॉम्पैक्ट गाड़ियों का उत्पादन सितंबर 2020 की 90,924 यूनिट से घटकर सितंबर 2021 में 29,272 यूनिट रह गया. जिप्सी, अर्टिगा, एस-क्रॉस, विटारा ब्रेजा और XL6 जैसी यूटिलिटी व्हीकल्स का प्रॉडक्शन घटकर 21,873 यूनिटर रहा, जो सालभर पहले 26,648 यूनिट था.
MSI ने ईको वैन का उत्पादन 11,183 यूनिट से घटकर 8,025 यूनिट रह जाने की भी जानकारी दी है. लाइट कमर्शियल व्हीकल सुपर कैरी का प्रॉडक्शन भी 4,418 यूनिट से गिरकर 3,496 यूनिट रह गया.
मारुति सुजुकी इंडिया ने अगस्त में सालाना आधार पर कुल उत्पादन में आठ प्रतिशत की गिरावट दर्ज की थी. उस महीने इसने 1,13,937 यूनिट तैयार की थीं. तब कंपनी ने सेमिकंडक्टर की कमी का हवाला देते हुए इसके हरियाणा और गुजरात के प्लांट्स पर सितंबर में व्हीकल प्रॉडक्शन सामान्य आउटपुट के केवल 40 फीसदी रहने का अनुमान दिया था.
हरियाणा के गुड़गांव और मानेसर प्लांट्स पर कंपनी की उत्पादन क्षमता 15 लाख यूनिट प्रति वर्ष की है. वहीं, जापान की सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन की सब्सिडी सुजुकी मोटर गुजरात (SMG) सालभर में 7.5 लाख यूनिट तैयार कर सकती है. SMG खास MSI को कार सप्लाई करती है.
सेमीकंडक्टर वे सिलिकॉन चिप होते हैं, जो ऑटोमोबाइल, कंप्यूटर और सेल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामानों के कंट्रोल और मेमोरी फंक्शन के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. ऑटो इंडस्ट्री में इनका इस्तेमाल पिछले कुछ समय से वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ा है. ब्लूटूथ कनेक्टिविटी, ड्राइवर असिस्ट, नैविगेशन और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक सिस्टम जैसे इलेक्ट्रॉनिक फीचर नए वाहनों में शामिल किए जाने से इनकी मांग में उछाल देखने को मिली है.
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