महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत श्रमिकों को भुगतान के एकमात्र तरीके के रूप में आधार-आधारित भुगतान प्रणाली को लागू करने की समयसीमा 31 अगस्त से आगे नहीं बढ़ाई जाएगी. सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी. केंद्र सरकार ने इस साल जनवरी में मनरेगा के तहत पंजीकृत लोगों को मजदूरी का भुगतान करने के लिए आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) का उपयोग अनिवार्य कर दिया था. एबीपीएस को अनिवार्य रूप से अपनाने की समयसीमा पहले एक फरवरी थी, जिसे बाद में 31 मार्च, फिर 30 जून और अंततः 31 अगस्त किया गया था.
जून में मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, कुल 14.28 करोड़ सक्रिय लाभार्थियों में से 13.75 करोड़ को आधार संख्या से जोड़ा गया है. मंत्रालय के अनुसार, कुल 12.17 करोड़ आधार नंबर प्रमाणित किए गए हैं और 77.81 फीसद उस समय एबीपीएस के लिए पात्र पाए गए थे.
मई में मनरेगा के तहत करीब 88 फीसद भुगतान एबीपीएस के जरिये किया गया था. मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि राज्यों को 100 फीसद एबीपीएस अपनाने के लिए शिविर आयोजित करने और लाभार्थियों को इसकी जानकारी देने को कहा गया है.