लोकसभा ने शुक्रवार को माइन्स एंड मिनरल (डिवेलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट (MMDR Act) में संशोधन करने वाले बिल को पास किया है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि इन बदलावों से नौकरियों के नए मौके पैदा होंगे और निजी सेक्टर को माइनिंग गतिविधि में टेक्नोलॉजी के ज्यादा इस्तेमाल की ताकत मिलेगी.
जोशी ने कहा, “माइनिंग सेक्टर में रिफॉर्म से 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे. खनन गतिविधि को बढ़ाने के लिए हम निजी सेक्टर को मिनरल एक्सप्लोरेशन में ज्यादा टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करने की इजाजत देंगे.”
लोकसभा ने माइन्स एंड मिनरल्स डिवेलपमेंट (अमेंडमेंट) बिल, MMDR Act, 2021 को पास कर दिया है.
जोशी के मुताबिक, भारत 95 मिनरल्स का उत्पादन करता है और दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया जैसी संभावनाएं भारत में भी मौजूद हैं, लेकिन देश को अभी भी सोने और कोयले जैसे मिनरल्स को आयात करना पड़ता है.
जोशी ने कहा, “माइनिंग सेक्टर में सुधार से 55 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे. खनन की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए हम निजी सेक्टर को ज्यादा टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करने की इजाजत देंगे.”
उन्होंने कहा कि माइनिंग सेक्टर फिलहाल देश की जीडीपी में 1.75 फीसदी का योगदान देता है. उन्होंने कहा कि इस बिल (MMDR Act) में जिन सुधारों को किया गया है उनसे इस सेक्टर का जीडीपी में योगदान बढ़कर 2.5 फीसदी पर पहुंच जाएगा और इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
इस बिल (MMDR Act) में माइन्स और मिनरल (डिवेलपमेंट एंड रेगुलेशन) एक्ट, 1957 में संशोधन करने की मांग की गई है. साथ ही इसके जरिए इस सेक्टर में बड़े सुधार होंगे. इसमें लीगेसी मसलों के समाधान की बात की गई है. ऐसे में नीलामी के लिए बड़ी संख्या में माइन्स उपलब्ध होंगी.
इस बिल से नीलामी की व्यवस्था मजबूत होगी और सिस्टम में पारदर्शिता आएगी. इस बिल के जरिए निजी इकाइयां अब एक्सप्लोरेशन के काम में शामिल होंगी. साथ ही एक्सप्लोरेशन की नीति को आसान बनाया गया है.