मानसून की बरसात में आई कमी का असर देश के जलाशयों पर भी दिखाई पड़ने लग गया है. केंद्रीय जल आयोग की साप्ताहिक बुलेटिन के मुताबिक बरसात में कमी की वजह से जलाशयों का जलस्तर 10 साल के औसत के नीचे चला गया है. इसके अलावा देश के जलाशयों में से कम से कम 23 जलाशयों की भंडारण क्षमता भी सामान्य भंडारण की तुलना में 50 फीसद कम हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक 31 अगस्त तक देश के 150 प्रमुख जलाशयों में जल का भंडारण 113.417 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) था, जो कि इन जलाशयों की कुल क्षमता का 63 फीसद है. पिछले साल की समान अवधि में इन जलाशयों में पानी का भंडार 146.828 बीसीएम था. बता दें कि बीते 10 साल में इन जलाशयों की औसत भंडारण क्षमता 125.117 बीसीएम रही है.
बिहार में जल भंडार की स्थिति नाजुक
बुलेटिन के मुताबिक पिछले साल की तुलना में 150 जलाशयों का स्तर 77 फीसद और बीते 10 साल के औसत का 91 फीसद है. बुलेटिन के अनुसार बिहार में जल भंडारण की स्थिति सबसे खराब है. बिहार में जलाशयों का स्तर सामान्य से 66 फीसद कम है, जबकि आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में जलाशयों का स्तर सामान्य से 57 फीसद कम है. तमिलनाडु में जलाशयों का स्तर 52 फीसद, केरल में 49 फीसद, उत्तर प्रदेश में 41 फीसद, ओडिशा में 26 फीसद, झारखंड में 25 फीसद और कर्नाटक में 22 फीसद कम है.
पंजाब, राजस्थान और हिमाचल में जलाशयों की स्थिति अच्छी
बुलेटिन के मुताबिक देश के दक्षिण इलाके के 42 जलाशयों में जल भंडारण 25.878 बीसीएम थी, जो कि कुल क्षमता का सिर्फ 49 फीसद है, पिछले साल कुल क्षमता का 90 फीसद पानी इन जलाशयों में था. बता दें कि अगस्त के दौरान इन इलाकों में मानसून की बरसात में 60 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है. कावेरी बेसिन उन नदी घाटियों में से एक है, जहां जलस्तर 40 फीसद से ज्यादा यानी 47.84 फीसद घटा है. पेन्नार (-64.81 फीसद) और महानदी और पेन्नार के बीच पूर्व की ओर बहने वाली नदियों का बेसिन (-63.64 फीसद) मानसून की बेरुखी की वजह से मुख्य रूप से प्रभावित हुआ है. पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में जलाशयों का स्तर अच्छी स्थिति में है और उसकी वजह से रबी सीजन में फसलों की बुआई में दिक्कत नहीं होने की संभावना है.