Kedarnath Temple : उच्च गढवाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित विश्वप्रसिद्ध बाबा केदारनाथ (Kedarnath Temple) के कपाट इस वर्ष श्रद्धालुओं के लिए 17 मई को प्रात: पांच बजे खोले जाएंगे.
चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के एक प्रवक्ता ने बताया कि बृहस्पतिवार को महाशिवरात्रि के पर्व पर विधि विधान से रूद्रप्रयाग के उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ मंदिर के कपाट खोलने का मुहूर्त निकाला गया.
उन्होंने बताया कि बाबा केदार की डोली उनके शीतकालीन प्रवास स्थल उखीमठ से 14 मई को रवाना होगी. केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple) के कपाट पिछले साल 16 नवंबर को बंद हुए थे.
इससे पहले, बसंत पंचमी को एक अन्य धाम बदरीनाथ के कपाट 18 मई को सुबह सवा चार बजे खोले जाने का मुहूर्त निकाला गया था. बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद कर दिए गए थे.
चौदह मई को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर गंगोत्री और यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने के साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी.
गढवाल हिमालय के चार धामों के नाम से प्रसिद्ध बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट सर्दियों में भीषण ठंड और बर्फवारी की चपेट में रहने के कारण हर साल अक्टूबर—नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल अप्रैल—मई में खुलते हैं.
वर्ष के करीब छह माह चलने वाली इस यात्र के दौरान देश—विदेश से लाखों श्रद्धालु चारों धामों के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं और चारधाम यात्रा को उत्तराखंड की आर्थिकी की रीढ माना जाता है.
बेहद खास है मंदिर केदारनाथ मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है . उत्तराखण्ड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है. यहाँ की प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मन्दिर अप्रैल से नवंबर माह के मध्य ही दर्शन के लिए खुलता है. पत्थरों से बने कत्यूरी शैली से बने इस मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण पाण्डव वंश के जनमेजय ने कराया था. यहाँ स्थित स्वयम्भू शिवलिंग अति प्राचीन है.
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